बिहार में महागठबंधन की सरकार बनते ही वक्फ कानून कूड़ेदान में फेंक देंगे- तेजस्वी
राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आज ‘वक्फ बचाओ – दस्तूर बचाओ’ सम्मेलन के दौरान विपक्षी दलों ने अभूतपूर्व एकजुटता का प्रदर्शन किया।

तेजस्वी यादव का ऐलान बिहार में महागठबंधन की सरकार बनते ही वक्फ कानून कूड़ेदान में फेंक देंगे
बिहार में महागठबंधन का ऐलान : सरकार बनते ही वक्फ कानून को करेंगे रद्द – तेजस्वी यादव
पटना, 29 जून 2025। राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आज ‘वक्फ बचाओ – दस्तूर बचाओ’ सम्मेलन के दौरान विपक्षी दलों ने अभूतपूर्व एकजुटता का प्रदर्शन किया। इस मौके पर राजद नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (RJD leader and Leader of Opposition in the Assembly Tejashwi Yadav) ने ऐलान किया कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनते ही वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को कूड़ेदान में फेंक दिया जाएगा।
तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा—
“चाहे हिंदू हो या मुसलमान, सिख हो या ईसाई – सबने इस देश की आज़ादी के लिए कुर्बानी दी है। ये देश किसी के बाप का नहीं है, ये हम सबका देश है। अशफाक उल्ला खां से लेकर भगत सिंह तक, सभी ने आज़ादी की लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति दी है।”
तेजस्वी ने आगे कहा कि वक्फ कानून के जरिए केंद्र सरकार मुसलमानों की संपत्ति और धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि 2014 से अब तक सभी कानून मुसलमानों को परेशान करने के लिए बनाए गए हैं।
तेजस्वी यादव ने साफ ऐलान किया—
“बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने जा रही है। नवंबर में जब गरीब-समर्थक सरकार आएगी, तब हम इस वक्फ कानून को कूड़ेदान में डाल देंगे।"
उन्होंने मतदाता सूची में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (Special intensive revision campaign going on in voter list) को भी बीजेपी के पक्ष में चुनाव आयोग की एकतरफा कार्रवाई बताया। तेजस्वी ने लोगों से सतर्क रहने और अपने वोटिंग अधिकार की रक्षा करने का आह्वान किया।
विपक्षी दलों की एकजुटता
सम्मेलन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद भी मौजूद थे। उन्होंने कहा—
“इस कार्यक्रम का उद्देश्य वक्फ, लोकतंत्र और देश की बहुलवादी संस्कृति को बचाना है।"
सलमान खुर्शीद ने यह भी याद किया कि उनका बचपन पटना में बीता है, जब उनके दादा डॉ. जाकिर हुसैन बिहार के राज्यपाल थे।
राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी, जो एक लोकप्रिय शायर भी हैं, जब सिर पर काली पट्टी बांधे खुले वाहन में सभा स्थल पहुंचे तो युवाओं ने उनका जोरदार स्वागत किया।
रैली में शामिल अन्य प्रमुख नेताओं में कांग्रेस के सांसद सैयद नासिर हुसैन, स्वतंत्र सांसद पप्पू यादव, और एआईएमआईएम के बिहार प्रमुख व विधायक अख्तरुल ईमान भी शामिल थे। सभी नेताओं ने एक सुर में वक्फ कानून को संविधान विरोधी बताया और इसे अल्पसंख्यकों की संपत्ति और अधिकारों पर हमला करार दिया।
गांधी मैदान में उमड़ा जनसैलाब
‘वक्फ बचाओ – दस्तूर बचाओ’ सम्मेलन में बिहार सहित झारखंड, बंगाल और उत्तर प्रदेश से हजारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल हुए।
पटना का गांधी मैदान खचाखच भरा रहा, और लोगों ने “वक्फ एक्ट वापस लो”, “संविधान बचाओ” जैसे नारों के साथ केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध किया।
यह प्रदर्शन अब न सिर्फ एक धर्म-सम्पत्ति के मुद्दे तक सीमित रहा, बल्कि संवैधानिक अधिकारों, अल्पसंख्यक सुरक्षा और लोकतंत्र की संरचना की रक्षा का प्रतीक बन गया।