नई दिल्ली, 24 दिसंबर। एक नए शोध में खुलासा हुआ है कि तीसरी तिमाही के दौरान सार्स-कोव-2 (कोविड-19 वायरस) से संक्रमित होने वाली गर्भवती महिलाओं के अपने नवजात शिशुओं में संक्रमण प्रसारित करने की संभावना न के बराबर है।
यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ द्वारा वित्त पोषित शोध ने करीब 127 गर्भवती महिलाओं को अपने शोध में शामिल किया। इन महिलाओं को साल 2020 के वसंत के दौरान बोस्टन के अस्पतालों में भर्ती कराया गया था।
यूनिस कैनेडी श्रीवर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ एंड ह्यूमन डेवलपमेंट की निदेशक डायना बियांची (Diana W. Bianchi, M.D., NICHD Director) के मुताबिक,
"इस अध्ययन से थोड़ा आश्वासन मिलता है कि तीसरी तिमाही के दौरान सार्स-कोव-2 संक्रमण का भ्रूण के प्लेसेंटा से गुजरने की संभावना नहीं है, लेकिन इस खोज की पुष्टि करने के लिए और अधिक शोध किए जाने की आवश्यकता है।"
पत्रिका जेएएमए नेटवर्क ओपन में प्रकाशित किए गए रिपोर्ट में बताया गया है कि, शोध के अनुसार, यह परिणाम तीसरी तिमाही की महिलाओं तक ही सीमित है, क्योंकि पहली और दूसरी तिमाही के दौरान संक्रमित महिलाओं के डेटा अभी भी एकत्र किए जा रहे हैं और उनका मूल्यांकन किया जा रहा है।
शोधकतार्ओं का सुझाव है कि उनके निष्कर्ष कोविड-19 से संक्रमित गर्भवती महिलाओं और उनके नवजात शिशुओं की देखभाल में सुधार करने में मदद कर सकते हैं, साथ ही साथ गर्भवती महिलाओं के वैक्सीनेशन के लिए नई रणनीतियों के विकास में सहायता करने के लिए जानकारी प्रदान करते हैं।