जो लोग रोजी रोटी की समस्या कोरोना काल तथा कोरोना वायरस मरने की वजह पूरी दुनिया में महामारी फैलने की बात कर मोदी सरकार को क्लीन चिट दे रहे हैं, क्या वे यह भी संमझ रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनके मंत्रियों, किसी सांसद, विधायक या फिर किसी ब्यूरोक्रेट्स का कोई खर्च कम हुआ है। क्या किसी पूंजीपति की किसी अय्याशी में कोई कमी हुई है। मर तो आम आदमी मर रहा है। कुछ लोग नौकरी जाने से तनाव में मर रहे हैं तो कुछ भुखमरी से। कुछ कोरोना से मर रहे हैं तो कुछ लॉकडाउन में पैदा हुई गंभीर बीमारी से।
जो लोग कोरोना को महामारी बता रहे हैं वे यह भी समझें कि कोरोना विदेश से आया है न कि किसी गरीब के घर से। 30 जनवरी को हमारे देश में कोरोना का पहला केस आ गया था। उसके बाद यदि कोरोना को रोकने के कारगर प्रयास नहीं हुए तो इसके लिए मोदी सरकार जिम्मेदार है।
यदि सरकार कोरोना को रोकने के प्रति गंभीर होती तो गुजरात में अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कार्यक्रम नमस्ते ट्रंप (Namaste Trump) न होता। दिल्ली में तब्लीगी जमात का कार्यक्रम न होता। ताली और थाली बजवाने के बजाय कोरोना को रोकने के कारगर प्रयास होते।
हां ! मोदी सरकार ने दूसरे देशों से तुलना कर अपने भोंपू मीडिया से यह जरूर कहलवाना शुरू जरूर कर दिया कि मोदी ने लोगों को बचा लिया। आज की तारीख में भारत कोरोना संक्रमण मामले नम्बर
जो लोग मोदी को गरीब का बेटा बोलकर बचाव करते हैं, वे यह भलीभांति संमझ लें कि यह व्यक्ति गरीबों का सबसे बड़ा दुश्मन है। इनके दोस्त अडानी और अम्बानी जैसे लोग हैं। जाति और धर्म के नाम पर कब तक बंटोगे। अपने बच्चों की जान और भविष्य के बारे में सोचो। न नौकरी, न धंधा, न सुरक्षा, न पेंशन, न स्वास्थ। यह स्थिति हो गई है लोगों की। इस परिस्थिति के लिए में देश के विपक्ष को भी बराबर का जिम्मेदार बताता हूं।
जो लोग इन परिस्थितियों में कमजोर पड़कर गलत कदम उठा रहे हैं वे हिम्मत रखकर यह सोचें कि यह देश पूंजीपतियों, राजनेताओं और ब्यूरोक्रेट्स के बाप का नहीं है। इस देश के हर संसाधन पर हर किसी का बराबर का हक है। आज यदि किसी व्यक्ति या उसके परिवार के भूखे मरने की नौबात आ गई है तो समझो कि किसी न किसी ने तुम्हारा हक जरूर मार रखा है।
हर परिस्थिति का सामना करने वाला ही सफल व्यक्ति माना जाता है। लड़ो अपने हक के लिए। यदि भूखे मरने की नौबत आ गई है तो छीन लो उस व्यक्ति से जिसने दूसरों का हक मार रखा है। यह समय इंक़लाब करने का है कमजोर होने का नहीं। जो लोग देश को नहीं चला पा रहे हैं उन्हें खदेड़ने की योजना बनाओ। जो लोग देश चला सकते हैं। किसान मजदूर के साथ ही अंतिम व्यक्ति तक काम कर सकें ऐसे लोगों को बढ़ावा दें।
चरण सिंह राजपूत