आज़मगढ़। 25 फरवरी 2020. कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने बिलरियागंज (आज़मगढ़) में शांतिपूर्ण तऱीके से चलाए जा रहे सीएए-एनआरसी विरोधी महिलाओं के आंदोलन पर पुलिसिया दमन के आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पत्र भेजा है।
आज यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने बताया कि प्रियंका गांधी ने 20 फ़रवरी को बिलरियागंज मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को 20 पन्नों का पत्रक भेजकर दोषी पुलिसकर्मियों पर सख़्त कार्रवाई की मांग की है। पत्रक में उन्होंने कहा है कि पुलिस ने शांतिपूर्ण आंदोलन चला रही महिलाओं पर बिना किसी चेतावनी के लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे जो संविधान प्रदत अनुच्छेद 21 के अधिकार पर सीधा हमला है जो लोगों को जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान करता है।
पत्र में उन्होंने कहा है कि जांच की मांग को नकारते हुए पुलिस के दावों को स्वीकार किया जाना संवैधानिक प्रक्रिया पर हमला है। जो योगी सरकार लगातार कर रही है।
12 सूत्री पत्रक में प्रियंका गांधी ने अपने 12 फरवरी के दौरे में महिलाओं से मिली जानकारी को आधार बनाते हुए आरोप लगाया है कि वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने महिलाओं को भद्दी-भद्दी और सम्प्रदाय सूचक गालियां देते हुए उन्हें बलात्कार, और बुर्के फाड़ने तक की धमकी दी।
पत्रक में आज़मगढ़ महिला थाना की एसएचओ ज्ञानू प्रिया के असंवैधानिक और आपराधिक रवैय्ये की शिकायत दर्ज है, जिनपर महिलाओं ने बलात्कार और यौन हिंसा की धमकी देने का
इसी तरह आयोग को बिलरियागंज के एसएचओ मजोज कुमार सिंह का वीडियो क्लिप भी सौंपा गया है जिसमें उन्हें आंदोलनरत महिलाओं और बच्चों को धमकी और गाली देते हुए कहा था 'हम भी चाहते हैं कि बवाल हो'।
प्रियंका ने ऐसे अधिकारियों के ख़िलाफ़ अब तक कोई कार्यवाई न होने पर सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है।
पत्रक में मौलाना ताहिर मदनी की गिरफ्तारी का सवाल भी प्रियंका गांधी ने उठाते हुए कहा है कि शांति और सद्भाव की बात करने वाले मौलाना को जेल में डालना सरकारी अपराध का वीभत्स उदाहरण है।
पत्रक में पुलिस हमले में बुरी तरह घायल सरवरी बानो की मेडिकल रिपोर्ट और 6 वर्षीय अनाबिया ईमान का भी ज़िक्र है, जो पुलिस के तांडव से इस क़दर डर गई थी कि वो कई दिनों तक न तो सो पा रही थी और न खाना खा पा रही थी।
अनाबिया को पिछले दिनों प्रियंका गांधी ने गिफ़्ट भी भेजा था।
पत्रक में सलमान पुत्र ज़ुल्फ़िक़ार अहमद, यूसुफ पुत्र राशिद और अज़मईंन पुत्र हकीम का सवाल भी उठाया गया है, जिन्हें नाबालिग होने के बावजूद अभी तक ज़मानत नहीं दी गयी है और उनके बोर्ड के इम्तेहान भी होने हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में शाहनवाज़ आलम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और खुद प्रियंका गांधी इन मामलों पर नज़र रखी हुई हैं और हर तरह की ज़रूरी मदद देने का आश्वासन उन्होंने दिया है।