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Priyanka targeted BJP for Ramdasivir's 'hoarding' and serious patients admission in hospital

नई दिल्ली, 19 अप्रैल. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Congress General Secretary Priyanka Gandhi Vadra) ने सोमवार को भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस (BJP leader Devendra Fadnavis) की कथित रूप से रेमडेसिवीर इंजेक्शन की जमाखोरी के लिए निंदा की। यह इंजेक्शन कोरोना रोगियों के लिए जीवन रक्षक दवा है।

प्रियंका गांधी ने हिंदी में ट्वीट किया,

"जब देश के कोने-कोने से लोग रेमडेसिविर उपलब्ध कराने की गुहार लगा रहे हैं और तमाम लोग जान बचाने के लिए किसी तरह एक शीशी रेमडेसिविर जुटाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं, उस समय जिम्मेदार पद पर रह चुके भाजपा नेता का रेमडेसिविर की जमाखोरी करने का कृत्य मानवता के खिलाफ अपराध है।"

प्राप्त जानकारी के अनुसार मुंबई पुलिस के अधिकारियों ने दावा किया था कि रेमडेसिवीर की कम से कम 60,000 शीशियों को ब्रुक फार्मा ने शहर के विभिन्न स्थानों जैसे विले पार्ले, मलाड, कांदिवली, ब्रुक फार्मा द्वारा दक्षिण मुंबई में संग्रहित किया गया था।

लेकिन विपक्षी नेता देवेंद्र फड़नवीस, ब्रुक फार्मा के अधिकारी का 'बचाव' करने के लिए पुलिस कार्यालय गए, जिसे पुलिस ने आपूर्ति पर पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था।

रिपोर्ट के अनुसार, फार्मा कंपनी की दमन और दीव में अपनी मेन्यूफैक्चरिंग कंपनी है। जानकारी के अनुसार भाजपा एमएलसी ने महाराष्ट्र में कोविड रोगियों के लिए इंजेक्शन खरीदने के लिए कंपनी को अप्रोच किया था।

अपने बचाव में फड़नवीस ने सफाई दी है कि फार्मा कंपनी ने सभी अनुमतियां प्राप्त कर ली हैं और महाराष्ट्र को इंजेक्शन उपलब्ध करा रही हैं।

वहीं शिवसेना ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि, रेमडेसिवीर बांटने के लिए भाजपा ने गुजरात राज्य के प्रदेश

अध्यक्ष की तरह ही स्टॉक खरीदे। साथ ही शिवसेना ने पूछा,

"फडणवीस जैसे निजी व्यक्ति ने गुजरात से रेमडेसिवीर स्टॉक कैसे खरीदा, जब केवल सरकार को बिक्री की अनुमति है।"

उधर उत्तर प्रदेश में मरीजों की भर्ती पर उन्होंने ट्वीट (Smt Priyanka Gandhi's Tweet ) किया -

कई जगहों से सूचना आई है कि कई गंभीर मरीजों को CMO के पत्र के बिना एडमिट नहीं किया जा रहा है। मुख्यमंत्रीजी से CMO के पत्र के इंतजार में लोगों की जानें जा रही हैं। ये नियम बंद कराएँ और लोगों की जान बचाएँ।

ऐसी व्यवस्था बनाएं जिससे कि गंभीर मरीजों का अस्पताल में एडमिशन आसान हो सके।



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