रघुवर दास ने झारखंड में भाजपा की करारी हार की जिम्मेवारी भले ही नैतिकता के आधार पर खुद ले ली है, मगर यह उनकी आत्मस्वीकृति है कि उन्होंने झारखंड को अपनी जागीर समझा और झारखंडी जनता को अपनी प्रजा। यही कारण रहा कि राज्य में बढ़ती बेरोजगारी, सीएनटी—एसपीटी एक्ट में संशोधन (CNT — Amendment to the SPT Act) की कोशिश, भूमि अधिग्रहण क़ानून में बदलाव, लैंड बैंक नीति, भूख से हुई मौतें, मॉब लिंचिंग की घटनाओं में वृद्धि, आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक और महिलाओं के विरुद्ध बढ़ती हिंसा, सरकार द्वारा प्रायोजित संप्रदायिकता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमलें, आदिवासियों के पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था ग्रामसभा के तहत पत्थलगड़ी पर हमला, पत्थलगड़ी के मामले में हजारों लोगों पर मुकदमा तथा बढ़ते दमन सहित जन अधिकारों और लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों पर हमले रघुवर सरकार के पांच वर्षों के कार्यकाल की उपलब्धि रही है।
सच तो यह है कि रघुवर दास के कई निर्णय केंद्र की सत्ता के मन मुताबिक रहे, जो इस बात से प्रमाणित हो जाता है कि पार्टी के संगठन प्रभारी को केंद्रीय नेतृत्व का स्पष्ट मैसेज था कि रघुवर दास जो कहें उसी पर सहमति जताते जाना है। दूसरा कोई क्या कहता है, उस पर ध्यान नहीं देना है।
यही वजह रही कि रघुवर दास के इशारे पर भाजपा के 9 विधायकों का टिकट काटा गया था, जिसमें बोरियो से ताला मरांडी, सिमरिया से गणेश गंझू, चतरा से जयप्रकाश भोक्ता, सिंदरी से फूलचंद मंडल, घाटशिला से लक्ष्मण टुड्डू, गुमला से शिवशंकर उरांव, सिमडेगा से विमला प्रधान, मनिका से हरिकृष्ण सिंह और छतरपुर से राधाकृष्ण किशोर शामिल थे। इन नौ विधानसभा क्षेत्रों में से मात्र तीन सीट ही भाजपा के कब्जे में आ सका, जिसमें सिमरिया से किशुन कुमार दास, सिंदरी से इंद्रजीत महतो एवं छतरपुर से पुष्पा देवी शामिल
भाजपा ने उम्मीदवारों की पहली सूची में अपने पांच सिटिंग विधायकों का भी टिकट काटकर दूसरे दल से भाजपा में शामिल हुए नेताओं को टिकट दिया था, जिसमें बहरागोड़ा के जेएमएम से आये कुणाल षाड़ंगी, पांकी से शशिभूषण मेहता जो जेएमएम से आए थे, मांडू से जेपी पटेल जो जेएमएम से आए थे, बरही से मनोज यादव जो कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था, के साथ भवनाथपुर से भानुप्रताप शाही जो नौजवान संघर्ष मोर्चा के प्रमुख थे, उन्होंने अपनी पार्टी ही भाजपा में विलय कर ली थी। भानु प्रताप शाही 2014 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अनन्त प्रताप देव को 2661 वोटों के अंतर से हराकर निर्वाचित हुए थे। इस बदलाव ने भाजपा दो सीट का नुकसान किया। पांकी से शशिभूषण मेहता कुशवाहा, भवनाथपुर से भानु प्रताप शाही और मांडू से जयप्रकाश पटेल ने भाजपा को जीत दिला सके। जबकि दो सीट को बरही से उमाशंकर अकेला—कांग्रेस तथा बहरागोड़ा से समीर कुमार मोहंती—जेएमएम हथियाने में सफल रहे।
इसमें कोई दो मत नहीं कि पूर्व मंत्री तथा भाजपा के वरिष्ठ नेता सरयू राय का टिकट भी रघुवर दास के इशारे पर ही काटा गया था। वैसे बता दें कि भाजपा द्वारा तीसरी सूची के 68 उम्मीदवारों की घोषणा के बाद जब सरयू राय का नाम नहीं आया, तब राय की समझ में आ गया कि उनकी उपेक्षा हो रही है। उन्होंने तुरंत प्रेस कान्फ्रेंस करके जमशेदपुर पूर्वी से भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। वैसे राय जमशेदपुर पश्चिमी से विधायक रहे हैं।
बता दें कि अर्जुन मुंडा के मुख्यमंत्रित्व काल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रघुवर दास हुआ करते थे। उस वक्त रघुवर दास के ही इशारे पर जमशेदपुर पश्चिमी से विधायक रहे मृगेंद्र प्रताप सिंह का टिकट काटकर सरयू राय को 2005 में प्रत्याशी बनाया गया और राय ने जीत हासिल की। 2009 के चुनाव में वे हार गये। पुन: 2014 का चुनाव जीते, तब उन्हें रघुवर दास के नेतृत्व में बनी सरकार में मंत्री पद दिया गया।
वे सीएम के अति आत्मविश्वास से परेशान व दुखी थे। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री रघुवर दास को लगता था कि पार्टी और झारखंड के लोग उनके इशारे पर कदमताल करते रहेंगे। सरयू राय और राधाकृष्ण किशोर जैसों का टिकट काटने और ढुल्लू महतो तथा भानुप्रताप शाही जैसे विवादास्पद व भ्रष्टाचार के आरोपी को टिकट देना भी इनकी हार का नतीजा रहा। अंदरखाने से आई रिपोर्ट के अनुसार उनके खिलाफ खड़े सरयू राय की जीत सुनिश्चित कराने में संघ परिवार का एक बड़ा हिस्सा जुटा हुआ था।
जिस पशुपालन घोटाले में लालू प्रसाद अभी जेल में हैं, जिन्हें भाजपा का राजनीतिक रोड़ा समझा जाता है। सरयू राय वहीं शख्स हैं जिन्होंने पशुपालन घोटाले को पहली बार वर्ष 1994 में उठाया था।
इतना ही नहीं सरयू राय ने झारखंड के मुख्यमंत्री रहे मधु कोड़ा के शासन काल में हुए कई घोटालों का पर्दाफाश किया है।
मधु कोड़ा के शासन काल में स्वास्थ्य मंत्री रहे भानू प्रताप पर 130 करोड़ के दवा घोटाला का आरोप लगा था, जिसके पर्दाफाश में सरयू राय की भी अहम भूमिका रही थी। इस मामले पर ईडी और सीबीआइ ने आरोप पत्र दायर कर दिया है। केस ट्रायल पर है। भ्रष्टाचार के आरोपी भानू प्रताप शाही को पार्टी ने टिकट देने में कोई गुरेज नहीं किया। शाही नें चुनाव पूर्व विपक्ष के कई नेताओं सहित भाजपा का दामन थाम लिया।
बताते चलें कि रांची की विशेष अदालत में मनी लाउंड्रिंग का पहला मुकदमा वर्ष 2009 में दर्ज किया गया था। इन मुकदमों में से अब तक सिर्फ पूर्व मंत्री हरिनारायण राय के मामले में ही फैसला आया है। एनोस एक्का के मामले में भी फैसला बाकी है। मामले में गवाही जारी है। मधु कोड़ा, भानु प्रताप व कमलेश सिंह के मामले में भी गवाही चल रही है। मनी लाउंड्रिंग मामले में देश का पहला फैसला हरिनारायण राय के खिलाफ आया था। शायद देश में भाजपा की बढ़ती ताकत को देखते हुए भानु प्रताप शाही ने भाजपा का दामन थामा हो, मगर सारा खेल बिगड़ गया। सत्ता महागठबंधन के हाथ में चली गई। कहना ना होगा कि भानु प्रताप शाही के लिये 'अब तेरा क्या होगा कालिया' वाली स्थिति हो गई है। क्योंकि सरयू राय भी भाजपा के नहीं रहे। शायद आने वाली सत्ता में सरयू राय की भी उपस्थिति हो सके।
बता दें कि सरयू राय ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को 15,833 मतों से पराजित किया। जबकि इस सीट से रघुवर दास लगातार पांच बार विजयी रहे हैं। 2014 के विधानसभा चुनाव में वे 70,157 मतों से विजयी हुए थे।
कहना ना होगा कि रघुवर दास का अति आत्मविश्वास ने उनकी नैया डुबोयी। जिस तरह महागठबंधन के नेता हेमंत सोरेन ने बरहेट और दुमका दोनों सीटों से चुनाव लड़ा, रघुवर दास का दंभ ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। जबकि उनके सामने राज्य के खुर्राट नेता खड़ा था। या तो रघुवर ने सरयू राय को अंडर स्टिमिट किया या खुद को ओवर स्टिमिट किया।
बता दें कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा भी चक्रधरपुर की सीट से झामुमो प्रत्याशी सुखराम उरांव से 12,234 मतों से पराजित हो गये। झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष और महागठबंधन के नेता हेमंत सोरेन ने बरहेट और दुमका दोनों सीटों पर जीत दर्ज की। हेमंत ने जहां बरहेट सीट पर भाजपा के साइमन माल्टो को 25,740 मतों से पराजित किया वहीं दुमका में उन्होंने भाजपा की मंत्री लुईस मरांडी को 13,188 मतों से पराजित कर दिया। 2014 में वह 4914 मतों से लुईस से ही चुनाव हार गये थे।
बताते चलें कि जहां दवा घोटाला और आय से अधिक संपत्ति मामले में भानुप्रताप शाही पर मामला चल रहा है, वहीं शशिभूषण मेहता कुशवाहा वर्ष 2012 की चर्चित सुचित्रा मिश्रा हत्याकांड के आरोपी हैं। उल्लेखनीय है कि ऑक्सफोर्ड स्कूल की वार्डेन सुचित्रा की 11 मई 2012 को हत्या हुई थी। जांच के दौरान मोबाइल सर्विलांस और कॉल डिटेल्स के आधार पर ऑक्सफोर्ड स्कूल के डायरेक्टर शशिभूषण मेहता का नाम इस हत्याकांड में शामिल हुआ था।
जैसे ही शशिभूषण मेहता के बीजेपी में शामिल होने की सूचना मिली सुचित्रा मिश्रा के दोनों बेटे अभिषेक मिश्रा और आशुतोष मिश्रा ने भजपा प्रदेश कार्यालय जाकर जमकर हंगामा किया था और मेहता के बीजेपी में सदस्यता लेने का विरोध किया था।
वहीं कोयलांचल के कई थानों में दर्जनों मामले के आरोपी विधायक ढुल्लू महतो को भी टिकट दे दिया गया।
बता दें कि ढुल्लू महतो के नाम का कोयलांचल में इतना दबदबा है कि धनबाद कोयलांचल क्षेत्र में बिना इनकी मर्जी के कोयले एक टूकड़ा भी इधर से उधर नहीं होता है। कोयला उठाव का मामला हो या ओपेनकास्ट के तहत आउटसोर्सिंग का काम, बिना इनकी इजाजत के मजदूर भी काम नहीं करते हैं। जिन कंपनियों के लिये मजदूर काम करते हैं वे कंपनिया मजदूरों की मजदूरी का एक बड़ा हिस्सा विधायक को देते हैं। जिससे तंग आकर बाघमारा विधानसभा के केके रेलवे साइडिंग में कोयले से पत्थर अलग करने वाले मजदूरों ने मुख्यमंत्री रघुवर दास से गुहार लगायी थी कि ढुल्लू महतो को इस बार टिकट नहीं दिया जाय। उनका आरोप था कि उन्हें कंपनी द्वारा 12 हजार रुपये मजदूरी मिलना चाहिए, मगर कंपनी तीन—चार हजार रू0 ही देती है बाकी पैसा विधायक के पास बतौर रंगदारी जाता है। आउटसोर्सिंग कंपनियां मजदूरों का पैसा काटकर विधायक को रंगदारी देती हैं। मगर मजदूरों के गुहार का कोई असर रघुवर दास पर नहीं हुआ। यह दिगर बात है कि दवा घोटाला और आय से अधिक संपत्ति मामले के आरोपी भानुप्रताप शाही, चर्चित सुचित्रा मिश्रा हत्याकांड के आरोपी शशिभूषण मेहता कुशवाहा और कोयलांचल थानों में दर्जनों मामले के आरोपी विधायक ढुल्लू महतो को विगत चुनाव में जीत हासिल हो चुकी है।
चुनाव आयोग के आधिकारिक रूप से घोषणा के बाद 81 सीटों में 25 बीजेपी, 30 जेएमएम, 16 कांग्रेस, 2 आजसू, 3 जेवीएम-पी, 1 सीपीआई-माले, 1 एनसीपी, 1 आरजेडी और 2 विधानसभा क्षेत्र निर्दलीय के खाते में गया है। हेमंत सोरेन की अगुवाई वाले जेएमएम गठबंधन ने 47 सीटें मिली हैं। जेएमएम अकेले 30, कांग्रेस 16 और आरजेडी ने 1 सीट अपने नाम किया है।
बीजेपी 25 सीट पर जीत चुकी है जो 2014 के उसके सीटों के मुकाबले 12 कम है। बाबूलाल मरांडी की जेवीएम 3 सीट और सुदेश महतो की आजसू 2 सीट जीत चुकी है। सीपीआई माले और एनसीपी एक-एक सीट जीत चुकी है। निर्दलीय के खाते में दो सीटें गई हैं।
इस चुनाव में भाजपा की हार का आश्चर्यजनक पहलू यह है कि पांच चरणों में होने वाले इस विधानसभा 2019 के चुनाव में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह द्वारा दर्जनों बार धुंआधार प्रचार करने के बाद भी भाजपा की यह स्थिति रही।
विधानसभा सीट जीते जीती पार्टी
राजमहल अनंत कुमार ओझा बीजेपी
बोरियो लोबिन हेम्ब्रम जेएमएम
बरहेट हेमंत सोरेन जेएमएम
लिट्टीपाड़ा दिनेश विलियम मरांडी जेएमएम
पाकुड़ आलमगीर आलम कांग्रेस
महेशपुर स्टीफन मरांडी जेएमएम
शिकारीपाड़ा नलिन सोरेन जेएमएम
नाला रवींद्र नाथ महतो जेएमएम
जामताड़ा इरफान अंसारी कांग्रेस
दुमका हेमंत सोरेन जेएमएम
जामा सीता मुर्मु उर्फ सीता सोरेन जेएमएम
जरमुंडी देवेंद्र कुंवर बीजेपी
मधुपुर हाजी हुसैन अंसारी जेएमएम
सारठ रंधीर कुमार सिंह बीजेपी
देवघर नारायण दास बीजेपी
पोड़ैयाहाट प्रदीप यादव जेवीएम-पी
गोड्डा अमित कुमार मंडल बीजेपी
महगामा दीपिका पांडेय सिंह कांग्रेस
कोडरमा नीरा यादव बीजेपी
बरकट्ठा अमित कुमार यादव निर्दलीय
बरही उमाशंकर अकेला कांग्रेस
बड़कागांव अंबा प्रसाद कांग्रेस
रामगढ़ ममता देवी कांग्रेस
मांडू जयप्रकाश पटेल बीजेपी
हजारीबाग मनीष जायसवाल बीजेपी
सिमरिया किशुन कुमार दास बीजेपी
चतरा सत्यानंद भोक्ता आरजेडी
धनवार बाबूलाल मरांडी जेवीएम-पी
बगोदर विनोद सिंह सीपीआई-माले
जमुआ केदार हाजरा बीजेपी
गांडे सरफराज अहमद जेएमएम
गिरिडीह सुदिव्य कुमार जेएमएम
डुमरी जगन्नाथ महतो जेएमएम
गोमिया लंबोदर महतो आजसू
बेरमो राजेंद्र प्रसाद सिंह कांग्रेस
बोकारो बिरंची नारायण बीजेपी
चंदनकियारी अमर कुमार बाऊरी बीजेपी
सिंदरी इंद्रजीत महतो बीजेपी
निरसा अपर्णा सेनगुप्ता बीजेपी
धनबाद राज सिन्हा बीजेपी
झरिया पूर्णिमा नीरज सिंह कांग्रेस
टुंडी मथुरा प्रसाद महतो जेएमएम
बाघमारा दुल्लु महतो बीजेपी
बहरागोड़ा समीर कुमार मोहंती जेएमएम
घाटशिला रामदास सोरेन जेएमएम
पोटका संजीव सरदार जेएमएम
जुगसलाई मंगल कालिंदी जेएमएम
जमशेदपुर पूर्वी सरयू राय निर्दलीय
जमशेदपुर पश्चिम बन्ना गुप्ता कांग्रेस
ईचागढ़ सबिता महतो जेएमएम
सरायकेला चंपाई सोरेन जेएमएम
चाईबासा दीपक बिरुआ जेएमएम
मझगांव निरल पुर्ती जेएमएम
जगन्नाथपुर सोना राम सिंकु कांग्रेस
मनोहरपुर जोबा मांझी जेएमएम
चक्रधरपुर सुखराम उरांव जेएमएम
खरसांवा दशरथ गागरई जेएमएम
तमाड़ विकास कुमार मुंडा जेएमएम
तोरपा कोचे मुंडा बीजेपी
खूंटी नीलकंठ सिंह मुंडा बीजेपी
सिल्ली देश कुमार महतो आजसू
खिजरी राजेंद्र कच्छप कांग्रेस
रांची चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह बीजेपी
हटिया नवीन जायसवाल बीजेपी
कांके समरी लाल बीजेपी
मांडर बंधु तिर्की जेवीएम-पी
सिसई जीगा सुसारन होरो जेएमएम
गुमला भूषण तिर्की जेएमएम
बिशुनपुर चमरा लिंडा जेएमएम
सिमडेगा भूषण बारा कांग्रेस
कोलेबिरा नमन बिक्सल कोंगारी कांग्रेस
लोहरदगा रामेश्वर उरांव कांग्रेस
मणिका रामचंद्र सिंह कांग्रेस
लातेहार बैद्यनाथ राम जेएमएम
पांकी शशिभूषण मेहता कुशवाहा बीजेपी
डाल्टनगंज आलोक चौरसिया बीजेपी
बिश्रामपुर रामचंद्र चंद्रवंशी बीजेपी
छतरपुर पुष्पा देवी बीजेपी
हुसैनाबाद कमलेश कुमार सिंह एनसीपी
गढ़वा मिथिलेश ठाकुर जेएमएम
भवनाथपुर भानु प्रताप शाही बीजेपी
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झारखंड विधानसभा चुनाव 2014 के विजेता उम्मीदवारों की सूची List of winning candidates of Jharkhand Assembly Election 2014
विधानसभा सीट विजेता विधायक पार्टी
राजमहल अनंत कुमार ओझा भाजपा
बोरियो ताला मरांडी भाजपा
बरहेट हेमंत सोरेन झामुमो
लिट्टीपाड़ा अनिल मुर्मु झामुमो
पाकुड़ आलमगीर आलम कांग्रेस
महेशपुर स्टीफन मरांडी झामुमो
शिकारीपाड़ा नलिन सोरेन झामुमो
नाला रवींद्र नाथ महतो झामुमो
जामताड़ा इरफान अंसारी कांग्रेस
दुमका लुईस मरांडी भाजपा
जामा सीता मुर्मु उर्फ सीता सोरेन झामुमो
जरमुंडी बादल कांग्रेस
मधुपुर राज पालिवर भाजपा
सारठ रंधीर कुमार सिंह जेवीएम
देवघर नारायण दास भाजपा
पोड़ैयाहाट प्रदीप यादव जेवीएम
गोड्डा रघुनंदन मंडल भाजपा
महगामा अशोक कुमार भाजपा
कोडरमा नीरा यादव भाजपा
बरकट्ठा जांकी प्रसाद यादव जेवीएम
बरही मनोज कुमार यादव कांग्रेस
बड़कागांव निर्मला देवी कांग्रेस
रामगढ़ चंद्र प्रकाश चौधरी आजसू
मांडू जय प्रकाश पटेल झामुमो
हजारीबाग मनीष जायसवाल भाजपा
सिमरिया गणेश गंझू जेवीएम
चतरा जय प्रभाष सिंह भोगता भाजपा
धनवार राज कुमार यादव सीपीआई माले
बगोदर नागेंद्र महतो भाजपा
जमुआ केदार हाजरा भाजपा
गांडे जय प्रकाश वर्मा भाजपा
गिरिडीह निर्भय कुमार शाहाबादी भाजपा
डुमरी जगन्नाथ महतो झामुमो
गोमिया योगेंद्र प्रसाद झामुमो
बेरमो योगेश्वर महतो भाजपा
बोकारो बिरंची नारायण भाजपा
चंदनकियारी अमर कुमार बाऊरी जेवीएम
सिंदरी फुलचंद मंडल भाजपा
निरसा अरुप चटर्जी एमसीसी
धनबाद राज सिन्हा भाजपा
झरिया संजय सिंह भाजपा
टुंडी राज किशोर महतो आजसू
बाघमारा दुलु महतो भाजपा
बहरागोड़ा कुणाल षाडंगी झामुमो
घाटशिला लक्ष्मण टुडू भाजपा
पोटका मेनका सरकार भाजपा
जुगसलाई राम चंद्र साहिस आजसू
जमशेदपुर पूर्व रघुबर दास भाजपा
जमशेदपुर पश्चिम सरयू राय भाजपा
ईचागढ़ साधु चरण महतो भाजपा
सरायकेला चंपई सोरेन झामुमो
चाईबासा दीपक बिरुआ झामुमो
मझगांव निरल पुरती झामुमो
जगन्नाथपुर गीता कोड़ा जेबीएसपी
मनोहरपुर जोबा मांझी झामुमो
चक्रधरपुर शशिभूषण समद झामुमो
खरसांवा दशरथ गागराई झामुमो
तमाड़ विकास कुमार मुंडा आजसू
तोरपा पौलुस सुरीन झामुमो
खूंटी नीलकंठ सिंह मुंडा भाजपा
सिल्ली अमित कुमार झामुमो
खिजरी राम कुमार पाहन भाजपा
रांची चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह भाजपा
हटिया नवीन जायसवाल जेवीएम
कांके जीतू चंद्र राम भाजपा
मांडर गंगोत्री कुजूर भाजपा
सिसई दिनेश उरांव भाजपा
गुमला शिव शंकर उरांव भाजपा
बिशुनपुर चमरा लिंडा झामुमो
सिमडेगा विमला प्रधान भाजपा
कोलेबिरा एनोस एक्का जेकेपी
लोहरदगा कमल किशोर भगत आजसू
मणिका हरिकिशन सिंह भाजपा
लातेहार प्रकाश राम जेवीएम
पनकी बिदेश सिंह कांग्रेस
डाल्टनगंज अलोक चौरसिया जेवीएम
बिश्रामपुर रामचंद्र चंदवांशी भाजपा
छतरपुर राधा कृष्ण किशोर भाजपा
हुसैनाबाद शिवपुजण मेहता कुशवाहा बसपा
गढ़वा सत्येंद्र नाथ तिवारी बीजेपी
भवनाथपुर भानु प्रताप शाही एनएसएएम