नई दिल्ली, 04 नवंबर 2019. भारत समेत एशिया के 16 देशों के बीच क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसेप)- Regional Comprehensive Economic Partnership Agreement के तहत मुक्त व्यापार समझौते को लेकर सहमति पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
आरसेप के तहत मुक्त व्यापार समझौता, एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशंस- Association of south east asian nations (आसियान) के 10 सदस्य देशों के अलावा छह अन्य देशों चीन, जापान दक्षिण कोरिया, भारत, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच प्रस्तावित है।
भारत की बड़ी चिंता चीन से होने वाला सस्ता आयात है, जिससे घरेलू कारोबार पर असर पड़ सकता है। साथ ही, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से सस्ते दुग्ध उत्पादों का आयात होने से घरेलू डेरी उद्योग प्रभावित हो सकता है।
हालांकि आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान इस मसले की प्रगति के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि इसे अगले साल फरवरी में अंतिम रूप दिया जा सकता है।
"आसियान को आरसेप जैसे ठोस कार्यक्रमों के जरिए आर्थिक समन्वय को बढ़ावा देना चाहिए।"
रिपोर्ट के अनुसार, फिलीपींस के व्यापार व उद्योग सचिव रेमन लोपेज ने कहा कि 35वें आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान आरसेप मसले पर प्रगति सकारात्मक है और सभी सदस्यों को उम्मीद है कि फरवरी 2020 तक इस पर वार्ता को अंतिम रूप प्रदान किया जाएगा।