पटना। समाजवादी आंदोलन के 82 वर्ष (कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी की स्थापना 17 मई 1934 को हुई थी - Congress Socialist Party was founded on May 17, 1934) पूरे होने के अवसर पर पटना के अंजुमन इस्लामिया हॉल में फैक्टर के राष्ट्रीय संयोज़क अरूण श्रीवास्तव की अध्यक्षता में समाजवादी समागम सम्पन्न हुआ. समागम में युसुफ़ मेहर अली युवा बिरादरी के संयोजक रविन्द्र ने पटना घोषणा-पत्र 2017 (Patna Declaration 2017) प्रस्तुत किया जिसे विस्तृत चर्चा के बाद पारित किया गया. लोकगायक मिथिलेश प्रसाद द्वारा क्रांति गीत प्रस्तुत किये गए।
समागम को सम्बोधित करते हुए सोशलिस्ट पार्टी ऑफ इन्डिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर प्रेम सिंह ने युवाओं से अपील करते हुये कहा कि 82 वर्ष पहले आज ही के दिन समाजवाद का सपना देखने वाले युवाओं ने कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी का गठन किया था. उनके द्वारा प्रारम्भ किये गये कामों को पूरा करने की ज़िम्मेदारी आज के युवाओं की है ताकि समतामूलक लोकतांत्रिक एवं धर्मनिरपेक्ष भारत का निर्माण किया जा सके. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस के बरक्स सोशलिस्ट पार्टी स्वाभाविक विपक्ष थी. मौजूदा संकट से निपटने के लिये एक बार फिर मौलिक सोशलिस्ट धारा को ही पुनर्स्थापित करने की ऐतिहासिक आवश्यकता है.
समाजवादी समागम के राष्ट्रीय संयोज़क पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम ने केन्द्र सरकार और संघ परिवार के कॉरपोरेटमुखी फासिस्ट नीतियों का मुकाबला करने के लिये देश में गैर-भाजपा महागठबंधन बनाने की ऐतिहासिक आवश्यकता पर बल देते हुये समाजवादियों से अपील की कि वे इस दिशा में ठीक वैसे ही पहल करें जैसी पहल बिहार चुनाव के दौरान महागठबंधन बनाकर की गई थी. उन्होंने कहा कि देश के समाजवादियों को शराबबन्दी आंदोलन गाँव-गाँव तक पहुँचाने के लिये संघर्ष करना चाहिये जिसको कानूनी जामा नीतीश सरकार ने बिहार में लागू किया है.
नशामुक्त भारत आंदोलन के राष्ट्रीय संयोज़क के तौर पर बोलते हुये डॉ. सुनीलम ने कहा कि 14 राज्यों की नशामुक्त भारत निर्माण के
जनआंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वयक महेन्द्र यादव ने कहा कि सरकारें कॉरपोरेट एजेंट बनकर काम कर रही हैं जिससे समाज में गैर-बराबरी और गरीबी लगातार बढ़ती जा रही है. उन्होंने कहा कि समाज में हो रहे हर भेदभाव को समाप्त करने के लिये समाजवादी संकल्पित है. इसलिये उनसे देशभर के जनआंदोलन सहयोग, समर्थन और एकजुटता की अपेक्षा करते हैं.
राष्ट्र सेवा दल के राष्ट्रीय महामंत्री श्री शाहिद कमाल ने सम्बोधित करते हुये कहा कि दल ने देशभर के लाखों छात्र-छात्राओं को वैज्ञानिक दृष्टिकोण, राष्ट्रीयता एवं धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक मूल्यों से जोड़ा है. उन्होंने देश के सभी समाजवादियों से अपील किया कि वे अपने-अपने मुहल्ले में राष्ट्र सेवा दल की ईकाइयों का गठन कर संघी एजेंडों को ध्वस्त करें.
समाजवादी समागम की नेत्री श्रीमती मंजुमोहन ने कहा कि महिलाओं की सहभागिता के बिना हर बदलाव अधूरा है इसलिये हर समाजवादी के लिये यह ज़रूरी है कि वह अपने घर में तथा समाज में न केवल महिलाओं को सम्मान दे, बल्कि सभी फैसलों में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करें. उन्होंने केन्द्र सरकार से महिलाओं के लिये 50% आरक्षण देने की माँग की.
सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती कंचनबाला ने कहा कि समाज में महिला हिंसा का बढ़ना चिन्ताजनक है। पितृ-सत्ता को चुनौती देकर महिलाओं को आर्थिक तौर पर स्वावलंबी एवं शक्ति-सम्पन्न बनाने की जरूरत है। उन्होंने देश में बढ़ती साम्प्रदायिकता को समाजवादियों के समक्ष चुनौती बताते हुए कहा कि साम्प्रदायिक हिंसा की सबसे अधिक शिकार महिलाएँ ही होती हैं।
ए एन सिन्हा इंस्टीट्यूट के अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो डी एम दिवाकर ने समता के मूल्य को संविधान की धूरी बताते हुए कहा कि बराबरी की भूख के चलते समाज ने लगातार प्रगति की है। सरकारों ने विकास के दावे लगातार किये लेकिन समता के मापदंड पर वे सदा असफल दिखलाई दिये। सरकारें जब आर्थिक नीतियाँ बनाती हैं तब उसका केन्द्र गरीब को बताती हैं लेकिन वास्तव में अन्तर्राष्ट्रीय वित्तीय पूँजी के दवाब में कम्पनी और काॅरपोरेट के हित में नीतियाँ बनाती हैं जिसके कारण लगातार बेरोजगारी बढ़ रही है।
सोशलिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेणु गम्भीर ने कहा कि समाजवादी देशभर में अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। अब सभी को मिलकर योजनाबद्ध तरीके से काम करने की जरूरत है।
राष्ट्र सेवा दल के पूर्व अध्यक्ष श्री इंदिरा रमण उपाध्याय ने कहा कि किसानों-मजदूरों गरीबों-दलितों की समस्याओं को हल करने के लिये संघर्ष कर रहे साथियों की एकजुटता से ही समाजवादी एकजुटता को मजबूत किया जा सकता है। केवल समीकरण बनाने से एकजुटता नहीं बनती।
हिंद मजदूर सभा के वरिष्ठ नेता शशिकान्त पाण्डे ने मोदी सरकार द्वारा श्रम कानूनों में किये गये संशोधनों पर आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि ट्रेड यूनियनों को समय की गंभीरता को समझते हुये एकजुट होने की जरूरत है। यह प्रयास हिंद मजदूर सभा द्वारा सतत् रूप से किया जा रहा है।
यूसूफ मेहर अली सेंटर के बिहार संयोजक श्री रविन्द्र कुमार ने कहा कि सोशलिस्ट विचारधारा की रचनात्मक कार्य करने वाली 50 संस्थाओं ने मिलकर "हम समाजवादी संस्थायें" का गठन किया है। इसके तहत देशभर में समाजवादियों को एकजुट करने का प्रयास किया जा रहा है।
सोशलिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय सचिव श्री गौतम प्रीतम ने कहा कि युवा-अधिकारों को सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिये।
अंत में, अध्यक्षीय संबोधन में फैक्टर के राष्ट्रीय संयोजक श्री अरूण श्रीवास्तव ने कहा कि वर्तमान चुनावी व्यवस्था पर धनपतियों ने कब्जा कर लिया है। उन्होंने कहा कि जिन चुनाव सुधारों की पहल लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने की थी उन पर अमल करने की जरूरत है। जे पी द्वारा राइट टू रिजेक्ट और राइट टू रिकौल का हवाला देते हुये उन्होंने कहा कि समाजवादियों को चुनाव-सुधार को मिशन बनाकर कार्य करना चाहिये ताकि साधारण राजनैतिक कार्यकर्ता और आम नागरिक भी चुनाव लड़ सके और जीत सके।
रामप्रवेश सिंहा ,सूर्य देव सिंह त्यागी,पूर्व विधायक, विनोद रंजन विजया सिंह ,ब्रिज किशोर कुशवाह ,मुशी सिह, रंजीत मंडल ,त्रिलोक मिश्र ,सुशील कुमार ,सचिदानंद सिंह ,मदन ,विष्णु पासवान यदि ने भी संबोधित किया।
समागम में अंजुमन इस्लामिया हाल को विरासत इमारत घोषित करने की मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा की गई।
कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी का स्थापना दिवस हर वर्ष आयोजित करने के लिए 25 सदस्यीय आयोजन समिति का गठन किया गया जिसका संयोजक महेंद्र यादव को बनाया गया।