SCTIMST scientists developed disinfection gateway and mask disposal bin (box) to fight Covid-19
नई दिल्ली, 11 अप्रैल 2020. डीएसटी (department of Science and technology) के सचिव प्रो. आशुतोष शर्मा ने कहा है कि संचरण की श्रृंखला को तोड़ने के लिए लोगों, कपड़ों, सतहों और उपयोग किए गए सुरक्षात्मक पोशाकों/उपकरणों का कीटाणुशोधन अत्यंत महत्वपूर्ण है>
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्था श्री चित्रा तिरूनल चिकित्सा विज्ञान प्रौद्योगिकी संस्थान एससीटीआईएमएसटी), त्रिवेंद्रम (केरल) के वैज्ञानिकों ने वैश्विक महामारी कोविड-19 से लड़ने के लिए दो तकनीकों का डिजाइन तैयार किया है।
चिकित्सा उपकरण-निर्माण विभाग के दो वैज्ञानिकों श्री जितिन कृष्ण और श्री सुभाष वी.वी ने चित्रा कीटाणुशोधन तकनीक का डिजाइन विकसित किया है। यह तकनीक लोगों को संक्रामक रोगाणुओं से मुक्त करेगी। यह पोर्टेबल प्रणाली है जो हाइड्रोजन पेरोक्साइड का धुंध और यूवी आधारित संक्रमण-शोधन सुविधा से युक्त है।
हाइड्रोजन पेरोक्साइड का धुआं (Hydrogen peroxide smoke) व्यक्ति के शरीर, हाथ और कपड़ों को कीटाणुमुक्त कर देगा। यूवी प्रणाली चैम्बर को कीटाणुमुक्त करेगी। पूरी प्रणाली इलेक्ट्रॉनिक तरीके से नियंत्रित है। चैम्बर में लगे सेंसर व्यक्ति की उपस्थिति को दर्ज करेंगे। इसके बाद हाइड्रोजन पेरोक्साइड के धुंए के बाहर आने की प्रक्रिया शुरू होगी।
व्यक्ति को चैम्बर के अंत तक चलकर जाना होगा। जब व्यक्ति चैम्बर से बाहर निकल जाएगा तो हाइड्रोजन पेरोक्साइड उत्पादन प्रक्रिया बंद हो जाएगी। इसके बाद यूवी लैम्प चैम्बर को संक्रमण रहित कर देगा। एक निश्चित अवधि के बाद यूवी लाइट अपने अपने आप बंद हो जाएगी। इस प्रकार चैम्बर अगले व्यक्ति के लिए तैयार हो जाएगा।
पूरी प्रक्रिया में सिर्फ 40 सेकंड का समय लगता है। निगरानी के लिए प्रणाली में बाहर से देखे जाने हेतु शीशे के पैनल लगे हैं। उपयोग के दौरान रोशनी के लिए लाइट भी
दूसरी प्रौद्योगिकी एससीटीआईएमएसटी के वैज्ञानिक श्री सुभाष वी.वी ने डिजाइन की है। इसका नाम चित्रा यूवी आधारित फेसमास्क डिस्पोजल बिन है। इसका उपयोग चिकित्साकर्मी अस्पतालों में कर सकते हैं। सार्वजनिक स्थलों पर भी इस बिन (डिब्बा) का उपयोग किया जा सकता है। इसके द्वारा उपयोग किए गए मास्क, सिर को ढंकनेवाला कवर, फेस शील्ड और अन्य चीजों को संक्रमण से मुक्त किया जा सकता है। संक्रमण श्रृंखला को तोड़ने के लिए यह महत्वपूर्ण है।
कोविड-19 महामारी के कारण फेस-मास्क एक आवश्यक वस्तु बन गई है। परन्तु उपयोग किया गया मास्क एक खतरनाक अपशिष्ट है (The mask used is a hazardous waste), जिसका उचित तरीके से निपटान किया जाना चाहिए। अपशिष्ट/कचरे का संग्रह करने वाले जोखिम में होते है। उपयोग किए हुए मास्क को कचरे के डिब्बे में फेंकना नहीं चाहिए। उपयोग किए गए मास्क को संक्रमण से मुक्त करना आवश्यक है। डिजाइन और संबंधित जानकारी एचएमटी मशीन टूल्स, एर्नाकुलम (केरल) को हंस्तातरित कर दी गई है।
Hydrogen peroxide spraying and the right ratio of ultra violet light
डीएसटी के सचिव प्रो.आशुतोष शर्मा ने कहा,
'' वायरस संरचना की श्रृंखला को तोड़ने के लिए लोगों, कपड़ों, सतहों और उपयोग किए गए सुरक्षात्मक पोशाकों/उपकरणों को कीटाणुमुक्त करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। हाइड्रोजन पेरोक्साइड का छिड़काव और अल्ट्रा वायोलेट लाइट का सही अनुपात में प्रयोग इस लड़ाई के लिए दो मजबूत हथियार है। इन दोनों का उपयोग उपरोक्त नवचारों में किया गया है।''