Hastakshep.com-देश-तारिक कासमी-taarik-kaasmii

खालिद से सम्बन्धित सूचनाओं को छुपा रही है सपा सरकार- मो. शुऐब

कचहरी बम धमाकों के आरोप में गिरफ्तार तारिक कासमी के सहअभियुक्त रहे

मरहूम खालिद के बारे में जनसूचना अधिकार के तहत सूचना नहीं दी जा रही है

लखनऊ 27 अक्टूबर 2013। उत्तर प्रदेश के उन्नाव के जेल अधीक्षक को एक आरटीआई में माँगी गयी जानकारी का उत्तर देने के लिये एक मृतक की सहमति चाहिए। आशा की जानी चाहिए कि जेल अधीक्षक महोदय बहुत जल्द यह सहमति लेने मृतक के पास जायेंगे ! हालाँकि जेल अधीक्षक महोदय ने फिलहाल अपने दायित्व का मुस्तैदी से निर्वहन करते हुये मृतक को नोटिस जारी कर दिया है। 

यह कोई मजाक नहीं है, यह बेहूदगी आरटीआई में माँगी गयी जानकारी न देने के लिये एक बहाना है। दरअसल उत्तर प्रदेश कचहरी ब्लास्ट के अभियुक्त मोहम्मद तारिक कासमी द्वारा जन सूचना अधिकार कानून के तहत अधीक्षक जिला कारागार उन्नाव से सूचना माँगी गयी थी। खालिद मुजाहिद की संदेहास्पद स्थिति में 18 मई 2013 को फैजाबाद जेल अदालत से जिला जेल लखनऊ लाते हुए रास्ते में मृत्यु हो गयी थी। तारिक कासमी को भी रिहाई मंच के लोगों तथा अन्य की भाँति खालिद मुजाहिद की मृत्यु पर दिये गये मुख्यमंत्री के बयान पर आश्चर्य हुआ था जिसमें मुख्यमंत्री ने कहा था कि खालिद मुजाहिद की मौत बीमारी के कारण हुयी। मुख्यमंत्री के इस बयान से व्यथित होकर तारिक कासमी ने जिला जेल लखनऊ तथा जिला जेल उन्नाव के अधीक्षकों से पूछा था कि क्या खालिद मुजाहिद जेल में बीमार रहते थे और वहाँ पर उनका इलाज हुआ था? तारिक कासमी द्वारा माँगी गयी इस सूचना के जवाब में तारिक कासमी को सूचना देते हुये जेल अधीक्षक उन्नाव ने

कहा है कि माँगी गयी सूचना तारिक कासमी से सम्बंधित न होकर खालिद मुजाहिद से सम्बंधित है इसलिये खालिद मुजाहिद की सहमति के बिना उत्तर नहीं दिया जा सकता और इस सूचना की एक प्रति खालिद मुजाहिद को उनके घर के पते पर मड़ियाहूं जिला जौनपुर भेजा गया है।

मरहूम मौलाना खालिद मुजाहिद के स्वास्थ्य सम्बन्धी विवरण की सूचना माँगने पर उनके सहअभियुक्त रहे कचहरी बम धमाकों के आरोप में गिरफ्तार किये गये तारिक कासमी को जिला जेल उन्नाव के अधिक्षक द्वारा यह कहना कि इसकी सूचना खालिद की सहमति के बिना नहीं दी जा सकती, पर रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने इसे गैरजिम्मेदाराना व अतार्किक कहा। मोहम्मद शुऐब ने आश्चर्य व्यक्त करते हुये कहा है कि जो व्यक्ति अब इस दुनिया में नहीं रहा है उसे अब जिला जेल अधीक्षक उन्नाव द्वारा भेजा गया पत्र कैसे मिलगा और इसका जवाब उन्हें कहाँ से प्राप्त होगा।

उन्होंने आगे कहा कि जिला जेल अधीक्षक द्वारा जवाब देने से बचने के लिये जानबूझ कर ऐसा किया गया। उन्होंने कहा कि मोहम्मद तारिक कासमी द्वारा माँगी गयी सूचना उनके सह अभियुक्त से सम्बंधित है तथा जनसूचना अधिनियम की परिभाषा में पूर्ण रूप से आती है जिसको न उपलब्ध कराने का कोई कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि मरहूम मौलाना खालिद की हत्या से सम्बन्धित वो सूचनाएं जो सरकार के सामने खालिद की हत्या पर सवाल खड़े कर सकती हैं उन्हें जान-बूझ कर सरकार के संरक्षण में छुपाया जा रहा है।

Loading...