रायपुर/ 19 मई 2020. निजी समाचार चैनल रिपब्लिक भारत के संपादक अर्णब गोस्वामी की याचिका (Petition of Arnab Goswami, editor of private news channel Republic India) पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि अर्णब पर जहाँ भी जिस भी एफआईआर पर मुकदमा चलेगा, हमें पूरी उम्मीद है कि न्याय होगा। देशभर में धार्मिक सौहार्द्र को ठेस पहुंचाने और कांग्रेस अध्यक्ष के विरुद्ध अप्रासंगिक अपमानजनक टिप्पणियों पर न्याय आवश्यक है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सर्वोच्च न्यायालय ने गोस्वामी की याचिका को अनुच्छेद 32 के अंदर सुने जाने योग्य नहीं माना गया है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गोस्वामी को अपने विरुद्ध दायर की गई एफआईआर को चुनौती देने के लिए सही फोरम में चुनौती देने को कहा है।
अर्णब गोस्वामी के विरुद्ध देशभर में धार्मिक सौहार्द्र को ठेस पहुंचाने एवं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विरुद्ध अप्रासंगिक एवं अपमानजनक बातों का उपयोग करने एवं समाज के वर्ग विशेष को ठेस पहुंचाने के आरोप में एफआईआर हुई थी। गोस्वामी द्वारा इन एफआईआर को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। गोस्वामी द्वारा अपनी याचिका में अपने विरुद्ध हुए सभी एफआईआर रद्द करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय से प्रार्थना की गई थी। जिस पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा यह टिप्पणी करते हुए गोस्वामी की याचिका का निपटारा कर दिया गया है कि किसी एक व्यक्ति के लिए विशेष नियम बनाकर भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता से परे जाते हुए कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गोस्वामी को 3 हफ्तों की अग्रिम जमानत का लाभ दिया गया है।
अर्णब गोस्वामी अपने विरुद्ध देशभर में हुए एफआईआर को
सर्वोच्च न्यायालय ने गोस्वामी के विरुद्ध दायर की गई जो एफआईआर मुंबई पुलिस के पास है, उसी पर जांच करने का आदेश दिया है।