इसमें कोई शक नहीं कि जल ही सर्वोत्तम द्रव है (Water is the best liquid) और हमें पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। लेकिन हमें ठीक-ठीक कितना पानी-पीना चाहिए इस पर अभी तक विवाद ही है। एक दिन में 8 गिलास पानी की सिफारिश (how much water to stay hydrated) हर मौसम, हर प्रदेश, हर व्यक्ति पर लागू नहीं हो सकती। यह भी हो सकता है कि बरसात या सर्दी के मौसम में 8 गिलास पानी पी कर कोई दिन भी टॉयलेट ही आता-जाता रहे और टिक कर कोई काम ही न कर पाए या फिर गर्म मौसम में 8 गिलास पानी पी कर भी वह प्यासा ही रहे। वैसे एक अनुमान के अनुसार पूरी दुनिया में हर साल जिस बीमारी का शिकार लगभग दो अरब लोग होते हैं वह है, चक्कर आना व मोशन सिकनैस। इसके लक्षण हैं -
जी मचलना, उल्टियां
चक्कर आना आदि और इसमें हाइड्रेशन प्रमुख है।
गर्मी और बरसात के आते ही यात्रियों के लिए स्वास्थ्य संबंधी दो खतरनाक बीमारियां अतिसार (ट्रैवलर्स डायरिया- Traveler's diarrhea और सिकनेस (ट्रैवलर्स सिकनेस- Travelers Sickness) विचार करने योग्य हैं। यदि आप अपनी छुट्टियां बिताने के लिए पहले से ही योजना बना चुके हैं लेकिन बिना यह जाने कि यदि आप बीमार हो गए तो कैसे अपनी देखभाल करेंगे? ऐसा सामान्यतः दूषित साफ-सफाई स्थितियों द्वारा होता है और दूषित भोजन व पानी के सेवन द्वारा भी ऐसा होता है। यद्यपि कुछ कारणों जैसे कि थकावट, धीरे-धीरे चलना और डाइट या मौसम में परिवर्तन द्वारा भी ऐसा प्रेरित हो सकता है।
इस संक्रमण के कुछ महत्वपूर्ण
व्यायाम के वक्त के अलावा गर्म मौसम में ज्यादा रेशों वाले भोजन के कारण (रेशे काफी पानी इस्तेमाल करते हैं) और वजन घटाने में (कई लोग सोचते हैं की वे ज्यादा पानी पिएंगे तो फूल जाएंगे) लेकिन ऐसा नहीं होता। शरीर उतना ही पानी रखता है जितना उसे चाहिए, बाकी निकाल देता है। ऊंचे पहाड़ों पर जहां सूखी हवा चलती है और वाष्पीकरण तेजी से होता है। यात्रा के समय, विशेषकर हवाई यात्रा के वक्त जब उसी स्थान में वायु का पुनः संचरण होता है और हवा अपनी नमी खो देती है। यदि आप अपना ज्यादातर समय घर या दफ्तर के अंदर बिताते हैं, जहां पर्याप्त ताजी हवा नहीं मिल पाती।
ज्यादा समय तक बीमार रहने के कारण जैसे सर्दी लगना या ब्लैडर में संक्रमण के कारण। बुखार, उल्टी, दस्त के कारण शरीर का काफी पानी कम हो जाता है और उस कमी को फिर से पूरा करने की आवश्यकता होती है। यदि आप प्रोटीन से भरपूर भोजन ले रहे हैं, तो प्रोटीन को तोड़ने के लिए शरीर को अधिक पानी की आवश्यकता होती है।
पानी की कमी होने से स्वस्थ व्यक्ति में भी गंभीर लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं, जिससे बहुत थकान, पोस्चरल हाइपोटेंशन, गुर्दा फेल और अंततः मौत भी हो सकती है। इस लिए कोई भी मौसम हो चाहे सर्द या गरम, हर दिन में 8 से 10 गिलास पानी यानी 2 से ढाई लीटर पानी पीना चाहिए ताकि आप में जल की कमी न होने पाए।
एक महत्वपूर्ण बात यह है कि आप के शरीर में पानी की कमी पहले होती है और आप को प्यास बाद में लगती है, यानी जब आप को प्यास महसूस होती है, तो समझ लीलिए की शरीर में कुछ पानी कम हो गया है।
विशेषज्ञों के अनुसार इससे पहले की आप को प्यास लगे, पानी पी लीजिए। अगर आप व्यायाम कर रहे हैं तो आप को थोड़ा पानी पीते रहना है। यही नहीं अगर आप तेज चाल वाली सैर या हल्की फुल्की जॉगिंग के लिए भी जा रहे हैं तो भी आप को शुरू में, उसके दौरान व उसके बाद पानी पीना चाहिए। मौसम कोई भी, आप के शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए।
विशेषज्ञों के अनुसार जलयोजन (हाइड्रेशन) के लिए कुछ टिप्स इस प्रकार हैं-
दिन की शुरूआत एक कप गर्म पानी पी कर करें, जिसमें एक ताजे नीबू का रस मिला हो। दिन व रात के भोजन का आरंभ एक कटोरे सूप के साथ करें। जब भी बाहर जाएं पानी की एक बोतल अवश्य साथ रखें। कैफीन रहित चाय व कॉफी को प्राथमिकता दें। कभी बाहर खाने जाएं तो अपने मेन्यू में पेय पदार्थों को अवश्य शामिल करें। गर्म दिनों में शरबत, लस्सी आदि हर रोज लें। दूध, जूस या पानी को भोजन से पहले या आप का पेट भर चुका होगा और फिर आप इन्हें लेना नहीं चाहेंगे और दैनिक खुराक में फल व सब्जियों को शामिल करें क्यों कि इनमें काफी पानी होता है जो आप के शरीर की आवश्यकता के लिए जरूरी है।
एक अध्ययन के मुताबिक शत प्रतिशत शुद्ध फ्रूट जूस (100% pure fruit juice) पीने से बच्चों का वजन नहीं बढ़ता। अभी तक यही माना जाता था कि फलों का रस पीने से मोटापा बढ़ता है। विशेषज्ञों द्वारा अभिभावकों को यही सलाह दी जाती थी कि वे अपने बच्चों को बहुत ज्यादा फ्रूट जूस न पिलाएं, क्यों कि वजन बढने के लिए जिम्मेदार कारणों में से यह भी एक है। किंतु हाल ही 2007 में हुए एक अध्ययन से यह बात सामने आई है कि यदि फलों का रस शत प्रतिशत शुद्ध हो और उसमें शर्करा न मिली हो तो वह मोटापे का कारण नहीं बनता।
- डॉ. एस. के. मुंद्रा
(डॉ. एस. के. मुंद्रा का यह लेख मूलतः देशबन्धु पर प्रकाशित हुआ था, उसका संपादित रूप साभार)