सोनभद्र, 13 जून 2020: आरएसएस-भाजपा राज में राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हुए आदिवासियों के उभ्भा नरसंहार के बाद भी स्थानीय पुलिस प्रशासन के संरक्षण में अवैध बालू खननकर्ताओं द्वारा आदिवासियों की एक के बाद एक हो रही हत्याएं यह दिखाती हैं कि सोनभद्र प्राकृतिक सम्पदा की लूट का चारागाह और आदिवासियों की कत्लगाह में तब्दील हो गया है। इस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने, हत्यारों की गिरफ्तारी करने, एफआईआर तक दर्ज न करने वाले पुलिस अधिकारियों को दण्ड़ित करने, हर स्तर पर संदिग्ध भूमिका निभाने वाले सीओ दुद्धी को हटाने, एसओ विढ़मगंज को निलम्बित करने, एफआईआरों में एससी-एसटी एक्ट की धाराएं जोड़ने और पूरी घटना में खननकर्ताओं एवं पुलिस प्रशासन गठजोड़ की भूमिका की जांच कराने की न्यूनतम मांग भी यदि सरकार व जिला प्रशासन ने नहीं मानी तो जनपद के विपक्षी दल लोकतंत्र की रक्षा व आदिवासियों की सुरक्षा के लिए अभियान चलायेंगे।
इस निर्णय पर सहमति व्यक्त करने वाले प्रमुख लोगों में पूर्व मंत्री विजय सिंह गोंड, स्वराज अभियान नेता दिनकर कपूर, सपा पूर्व जिलाध्यक्ष श्याम बिहारी यादव, राहुल प्रियंका कांग्रेस सेना प्रदेश महामंत्री राजेश द्विवेदी, राष्ट्रीय लोकदल जिलाध्यक्ष संतोष पटेल, सीपीएम जिला सचिव नंदलाल आर्या, सीपीआई जिला सचिव आर. के. शर्मा, सपा पूर्व जिला महासचिव जुबेर आलम, मजदूर किसान मंच नेता कृपाशंकर पनिका, आइपीएफ नेता कांता कोल, आदिवासी वनवासी नेता राजेन्द्र सिंह गोंड रहे।
विपक्षी नेताओं ने कहा कि कल गोरख सिंह गोंड की मौत भी पूरे तौर पर संदिग्ध है। यदि काम के दौरान वह घायल भी हुआ था तो प्रबंधन का यह विधिक कर्तव्य था कि वह उसको निकटवर्ती अस्पताल ले जाते, लेकिन उन्होंने यह नहीं किया। उसकी लाश भी कार्यस्थल पर नहीं बल्कि नदी के अंदर मिली है। इसलिए इसकी भी उच्चस्तरीय
उन्होंने पत्र में कहा कि कल जिस कोरगी-पिपरडीह बालू साइट (Korgi-Pipardih Sand Site) पर गोरख गोंड की लाश मिली है उसकी जांच के लिए जनवरी में ही स्वराज अभियान ने सीएम को पत्रक भेजा था। यदि इस पत्रक पर कार्यवाही करके प्रदेश सरकार इस बालू साइट की लीज निरस्त कर देती तो शायद आज गोरख गोंड की जान बच जाती।
उन्होंने सबूतों के साथ पत्रक में लिखा कि कोरगी-पिपरडीह की बालू साइट विधि विरूद्ध, कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर और माननीय न्यायालयों के आदेश की अवहेलना करते हुए कनहर नदी के अंदर उसके पेटे में आरएसएस-भाजपा से जुड़ी भोपाल की फर्म को दी गयी थी। इससे पहले भी जनपद में विस्फोटों में आदिवासियों व आम आदमी की मौतें हुई हैं। इसलिए जनपद की प्राकृतिक सम्पदा की रक्षा व पर्यावरण की बेहतरी के लिए सीबीआई से जांच कराना बेहद जरूरी है।