Hastakshep.com-आपकी नज़र-कांग्रेस-kaangres

सोई हुई कांग्रेस ने किसान जनजागरण अभियान शुरू किया है। हाल ये है कि अजय कुमार लल्लू के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद और आधा दर्जन आयतित प्रदेश कार्यकारिणी में ओहदेदार बड़ी छान बीन करके नियुक्त करने के बाद, नौजवान जिला अध्यक्ष नियुक्त करने के बाद कांग्रेस पार्टी शीत निष्क्रियता में चली गई।

नये ओहदेदार कुछ तो दिशाहीन स्वयं थे, दूसरे उन्हें स्पष्ट दिशा निर्देश भी नहीं मिले। उसके बाद न जिला कार्यकारणी बनी, न ब्लॉक अध्यक्ष/ कार्यकारिणी बन सकी, ग्राम स्तर पर तो बात ही मत करिये। इस प्रक्रिया में जो थोड़े बचे खुचे कांग्रेसी थे भी, वे कूड़े दान में फेंक दिये गये।

प्रदेश कार्यकारणी के ओहदेदार जिलों में चक्कर पर चक्कर लगा रहे हैं कि ओहदों के लिये कोई आवेदन करे और नये आवेदकों की तो छोड़िये पुराने ही न सगुना पा रहे हैं।

कांग्रेस की सार सूनी पड़ी है और मरखने बैल मालिकों को बर्दाश्त नहीं है।

अब ऐसे में पीके के कार्यक्रम "कर्ज माफ, बिजली बिल हाफ" की तर्ज पर किसान जनजागरण अभियान चलाने की कोशिश है। वह कार्यक्रम तो टिकटार्थियों की बदौलत काफी सफलता से चल गया था और जिस कांग्रेस को सपा 2 सीटें देने की बात कहती थी उसे 100 सीटें देकर निबटा गई।

लेकिन अब इस लुंज-पुंज संगठन और सेल्फी ओहदेदारों के बल पर सोई कांग्रेस किसानों को जगाती हुई तो नहीं दिखती हां तनखैया कर्मचारी और 'चमचागिरी में स्वर्णिम भविष्य' तलाशते नेतागण जरूर शीर्ष नेतृत्व की निगाहों में अपनी उपयोगिता यूपी के "दिल्ली" होने तक बनाये रखेंगे ऐसा लगता है।

कांग्रेस के एक पुराने कार्यकर्ता का गुमनाम पत्र

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