नई दिल्ली, 03 अगस्त 2020. कोविड महामारी से जूझते और अप्रत्याशित घटनाओं से भरे इस वर्ष के पहले छह महीनों के लिए दुनिया के कोयला बिजली उत्पादन उद्योग पर ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर ने अपना विश्लेषण आज जारी किया है।
ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर के कोल पॉवर प्लांट ट्रैकर (Coal power plant tracker of Global Energy Monitor) द्वारा 2020 के पहले छह महीनों के विश्लेषण से निकले नतीजे से न सिर्फ़ दुनिया के ऊर्जा परिप्रेक्ष्य में बदलाव, बल्कि वैश्विक उत्सर्जन के लिए भी महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकते हैं। यह रिपोर्ट वैश्विक अवश्य है लेकिन इसमें एशिया क्षेत्र के संदर्भ में बेहद रोचक निष्कर्ष हैं, जो कि इस प्रकार हैं :
यह कमी, चीन में इस दिशा में बड़े इज़ाफे के बावजूद देखने को मिली है, जबकि चीन के बाहर संचालित कोयला बिजली की क्षमता 2018 में पहले से ही चरम पर है।
यूरोप के 8.3GW के संयंत्रों को रिटायर करने से भी यह गिरावट आई है और इससे ऊर्जा में बदलाव लाने की प्रक्रिया को बल मिल रहा है।
दक्षिण पूर्व एशिया, जिसे कई वर्षों से कोयला शक्ति के लिए सबसे मजबूत बाजारों में से एक माना जाता है, वहां कोयला बिजली संयंत्र उद्योग को सिकुड़ते देखा जा सकता है।
प्रस्तावित नए थर्मल पॉवर प्लांट और उनके निर्माण वर्ष 2015 के औसत दर की तुलना में 70% कम हो गए हैं।
इस वर्ष अब तक चीन की कोयला बिजली संयंत्र पाइपलाइन का विस्तार नव प्रस्तावित क्षमता का 90% (59.4GW में से 53.2) बनाता है, निर्माण का 86% शुरू होता है (15.8GW का 12.8), और कमीशन का