लखनऊ, 4 जुलाई, 2020, आशा ज्योति महिला हेल्पलाइन 181 की उन्नाव में कार्यरत कर्मचारी आयुषी सिंह की आत्महत्या पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए वर्कर्स फ्रंट के अध्यक्ष दिनकर कपूर ने इसे सरकार की संवेदनहीनता का परिणाम कहा है.
उन्होंने कहा कि मोदी जी द्वारा जिस मॉडल को देश के लिए अनुकरणीय बताया जा रहा है, उत्तर प्रदेश की सरकार चलाने का वह योगी मॉडल एक विफल मॉडल साबित हुआ है. महिला कर्मचारियों को इस सरकार में ग्यारह महीने से काम कराकर वेतन का भुगतान नहीं किया गया और पिछले जून माह में उन्हें नौकरी से हटाने का आदेश थमा दिया गया. परिणामस्वरूप आशा ज्योति वूमेन हेल्पलाइन में काम करने वाली ज्यादातर महिलाएं बेहद संकट के दौर से गुजर रही हैं और उन्हें जीवन चलाना कठिन हो गया है. कोविड-19 के इस दौर में नौकरी से निकालने का आदेश तो उनके लिए व्रजपात से कम नहीं है.
महिलाओं को घरेलू हिंसा, बलात्कार व अन्य प्रकार के उत्पीड़न से बचाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही इस आशा ज्योति वूमेन हेल्पलाइन में कार्यरत आयुषी के साथ काम करने वाली उन्नाव की सलमा ने सूचित किया कि किराए के अभाव में एक तारीख को उन लोगों को अपना कमरा खाली करना पड़ा था और कल जब अपर श्रमायुक्त लखनऊ द्वारा नौकरी से नहीं निकालने का निर्देश दिया, तो इसे लेकर
श्री कपूर ने बताया कि उन्हें सलमा ने बताया कि आयुषी का पति विक्रम सिंह बेहद बीमार और बेरोजगार था और उसकी 5 साल की लड़की थी. इसको लेकर वह चिंतित रहती थी लेकिन ऐसी दुर्घटना हो जाएगी लेकिन इसकी कल्पना हम लोगों ने नहीं की. आयुषी के पिता सुरेंद्र सिंह ने भी अपने पत्र में यह कहा है कि वेतन न मिलने से और नौकरी से निकालने का नोटिस मिलने से वह और तनाव में चली गई थी.
इस पूरे मामले पर यूपी वर्कर्स फ्रंट ने आशा ज्योति कर्मचारियों के वेतन बकाएं और उन्हें नौकरी से निकालने के मामला संज्ञान में आने के बाद अपर श्रमायुक्त लखनऊ से मुलाकात कर विधि विरुद्ध व मनमर्जी पूर्ण ढंग से की जा रही इस कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी. जिसके बाद अपर श्रमायुक्त ने निदेशक महिला कल्याण और सेवा प्रदाता कंपनी जीवीके रिसर्च लिमिटेड को पत्रक जारी कर कल ही वार्ता आयोजित की थी. उस वार्ता में उन्होंने यह निर्देश दिया था दौरान वार्ता किसी भी कर्मचारी को सेवा से पृथक नहीं किया जाएगा.
यह आदेश सेवा प्रदाता कंपनी के मानव संसाधन प्रबंधक की मौजूदगी में और उनके संज्ञान में दिया गया था जिस पर उन्होंने हस्ताक्षर भी किए थे, बावजूद इसके जिला स्तर के अधिकारियों ने इसे मानने से मना कर दिया.
यही हाल उन्नाव में जिला प्रोबेशन अधिकारी ने किया। श्री कपूर ने कहा कि यह भी सूचना है कि महोबा के जिला प्रोबेशन अधिकारी ने तो बकायदा वहां कार्यरत कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार तक किया.
आज आत्महत्या की घटना संज्ञान में आने के बाद वर्कर्स फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष दिनकर कपूर के नेतृत्व में आशा ज्योति में काम करने वाली रूचि और दिव्या ने अपर श्रमायुक्त से मुलाकात कर पत्र दिया. जिसके बाद अपर श्रमायुक्त ने सेवा प्रदाता कंपनी जीवीके को आशा ज्योति में काम करने वाली सभी महिलाओं महिला कर्मचारियों को एक सप्ताह के अंदर समस्त बकाए वेतन का भुगतान कर अभिलेखों के साथ तलब किया है साथ ही उन्होंने उन्नाव में कार्यरत सेवा वूमेन हेल्पलाइन वर्कर आयुषी सिंह को 814400 रुपए मुआवजा देने का निर्देश भी दिया है.