लखनऊ, 03 मई 2020. वर्ष 2017 के बाद से, जब से अजय बिष्ट, जिन्हें योगी आदित्यनाथ के नाम से जाना जाता है, मुख्यमंत्री बने हैं तब से उत्तर प्रदेश में प्रेस की स्वतंत्रता और पत्रकारों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई है। राज्य सरकार की महत्वपूर्ण खबरों को करने के लिए पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया, उनके साथ मारपीट की गई और उन्हें परेशान किया गया। अब उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कम गुणवत्ता वाले पीपीई पर खबर के लिए यूपी के पत्रकार से पुलिस पूछताछ पर आपत्ति दर्ज कराई है।
“लोकतंत्र में सरकार पर सवाल उठानेवालों पर ही सवाल उठाने का मतलब होता है कि सरकार बचने के लिए पलटवार कर रही है. कभी PPE की ख़राब गुणवत्ता बताने वाला घिरता है, कभी अन्न-आपूर्ति की ख़ामियों को उजागर करनेवाला.
सरकार नकारात्मकता छोड़ आवागमन-परिवहन के लिए गाड़ियाँ चलाए तो अच्छा होगा.”
हालांकि पत्रकारों पर उत्पीड़न के मामले में खुद अखिलेश यादव का मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल काफी कलंकित रहा है।
लोकतंत्र में सरकार पर सवाल उठानेवालों पर ही सवाल उठाने का मतलब होता है कि सरकार बचने के लिए पलटवार कर रही है. कभी PPE की ख़राब गुणवत्ता बताने वाला घिरता है, कभी अन्न-आपूर्ति की ख़ामियों को उजागर करनेवाला.
सरकार नकारात्मकता छोड़ आवागमन-परिवहन के लिए गाड़ियाँ चलाए तो अच्छा होगा. pic.twitter.com/Bsry3fPZc4
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 2, 2020
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की शह पर घटिया
पीपीई किट अस्पतालों में सप्लाई कर दी गई । सोचिये अब इस घटिया किट के दम पर कैसे लड़ेंगे अस्पतालों में काम करनेवाले कर्मचारी ? #Covid_19#Covid_19india pic.twitter.com/PCaflA7HO1— MANISH PANDEY (@ManishPandeyLKW) April 17,