नई दिल्ली, 06 जनवरी 2019. रविवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्रों और शिक्षकों पर कथित तौर पर एबीवीपी से जुड़े गुंडों के हमले के विरोध में मोदी सरकार के अंदर से आवाज उठी है। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने (जेएनयू) में हुई हिंसा की निंदा की है। दोनों केंद्रीय मंत्री जेएनयू के अलुमनाई हैं। जेएनयू परिसर में रविवार को कुछ नकाबपोश लोगों ने घुसकर छात्रों पर जानलेवा हमले किए, कवरेज करने गए पत्रकारों के साथ मारपीट की और तोड़फोड़ मचाई। नकाबपोश लकड़ी के डंडों और लोहे की छड़ों से लैस थे।
सीतारमण ने एक ट्वीट के जरिए कहा,
"जेएनयू से भयावह तस्वीरें आ रही हैं। इस जगह को मैं जानती हूं और जहां से कड़ी बहस और राय के लिए मेरी यादें जुड़ी हैं, लेकिन कभी हिंसा नहीं देखी। मैं साफतौर पर आज की घटना की निंदा करती हूं। बीते कुछ सप्ताहों के दौरान क्या कहा गया उस पर ध्यान दिए बिना यह सरकार विश्वविद्यालयों में सभी छात्रों के लिए सुरक्षित जगह चाहती है।"
सीतारमण ने जेएनयू से एमफिल किया है।
जेएनयू से राजनीतिक विज्ञान एमए और अंतर्राष्ट्रीय संबंध में पीएचडी कर चुके जयशंकर ने भी ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की।
उन्होंने ट्वीट के जरिए कहा,
"जेएनयू में जो हो रहा है उसकी तस्वीरें देखीं। स्पष्टतौर पर हिंसा की निंदा करता हूं। यह विश्वविद्यालय की परंपरा और संस्कृति के बिल्कुल विपरीत है।"
Horrifying images from JNU — the place I know & remember was one for fierce debates & opinions but never violence. I unequivocally condemn the events of today. This govt, regardless of what has been said the past few weeks, wants universities to be safe spaces for all students.
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman)
Have seen pictures of what is happening in #JNU. Condemn the violence unequivocally. This is completely against the tradition and culture of the university.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) January 5, 2020