रेडक्रॉस के मुताबिक प्लेटलेट्स, या थ्रोम्बोसाइट्स, हमारे रक्त में छोटे, रंगहीन सेल टुकड़े होते हैं जो थक्के बनाते हैं और रक्तस्राव को रोकते हैं । हमारी हड्डियों के अंदर स्पंज जैसा टिशू हमारे बोन मैरो में प्लेटलेट्स बनते हैं। अस्थि मज्जा में स्टेम सेल होते हैं जो लाल रक्त कोशिकाओं, सफेद रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स में विकसित होते हैं। प्लेटलेट्स और अन्य रक्त घटकों की हमेशा जरूरत होती है।
प्लेटलेट्स की कमी से कई तरह की बीमारियां होने लगती हैं. आमतौर पर स्वस्थ शरीर के लिए रक्त में प्लेटलेट काउंट 1,50,000-4,00,000 प्रति माइक्रोलीटर होता है. डेढ़ लाख से नीचे चले जाने पर इसे लो प्लेटलेट्स काउंट माना जाता है, और इस स्थिति में व्यक्ति की हालत खराब हो सकती है. ऐसे में लोगों को कमजोरी महसूस होने लगती है. चलने फिरने में भी तकलीफ होती है.
कुछ फल ऐसे होते हैं जो प्लेटलेट्स बढ़ाने में मददगार होते हैं.
गिलोय
गिलोय का जूस (Giloy's juice) प्लेटलेट्स को बढ़ाने का सबसे अच्छा उपाय है. इससे रोग-प्रतिरोधक क्षमता (रोग-प्रतिरोधक क्षमता) भी मजबूत होती है. दो चुटकी गिलोय के चूर्ण को एक चम्मच शहद के साथ दिन में दो बार लें या फिर गिलोय की डंडी को रात भर पानी में भिगोकर सुबह उसका छना हुआ पानी पी लें. इससे प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ने लगेंगी.
चुकंदर sugar beets
चुकंदर प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर (Rich in natural antioxidant properties) होता है.
पपीते के फल और पत्तियां दोनों ही प्लेटलेट्स बढ़ाने में मददगार हैं. डेंगू बुखार में गिरने वाले प्लेटलेट्स को पपीते के पत्ते के रस के सेवन से तेजी से बढ़ाया जा सकता है. आप चाहें तो पपीते की पत्तियों को चाय की तरह भी पानी में उबालकर पी सकते हैं.
पालक Spinach
दो कप पानी में 4 से 5 ताजा पालक के पत्तों को डालकर कुछ मिनट के लिए उबाल लें. इसे ठंडा होने के लिए रख दें. फिर इसमें आधा गिलास टमाटर मिला दें. इस मिश्रण को दिन में तीन बार पिएं. इसके अलावा पालक का सेवन सूप, सलाद या सब्जी के रूप में भी किया जा सकता है.
नारियल पानी में इलेक्ट्रोलाइट्स अच्छी मात्रा में होते हैं. इसके अलावा यह मिनिरल्स का भी अच्छा स्रोत है, जो शरीर में प्लेटलेट्स की कमी को पूरा करने में मदद करते हैं.
( नोट - यह समाचार किसी भी हालत में चिकित्सकीय परामर्श नहीं है। यह समाचारों में उपलब्ध सामग्री के अध्ययन के आधार पर जागरूकता के उद्देश्य से तैयार की गई अव्यावसायिक रिपोर्ट मात्र है। आप इस समाचार के आधार पर कोई निर्णय कतई नहीं ले सकते। स्वयं डॉक्टर न बनें किसी योग्य चिकित्सक से सलाह लें।)