नई दिल्ली: देश में लगे लॉकडाउन का लोग अच्छे से पालन कर रहे हैं, लेकिन इसी दौरान वे डिजिटल स्क्रीन का इस्तेमाल (Use of digital screen) बहुत ज्यादा कर रहे हैं। डिजिटल स्क्रीन को देर तक देखने से उनकी आंखों को बहुत नुकसान पहुंच रहा है और भविष्य में उनकी दृष्टि कमजोर हो सकती है। हालांकि, विशेषज्ञ से परामर्श लिए बिना स्वयं समस्या को नाम न दें। ड्राई आई, आंखों से पानी आना, लाल आंखें, दूर का दिखाई नहीं देना, धुंधला दिखना आदि सभी समस्याएं कमजोर आंखों के लक्षण होते हैं। निम्नलिखित उपायों का उपयोग कर आप आंखों की इन समस्याओं से बचे रह सकते हैं।
संकट की इस घड़ी में आंखों की देखभाल जरूरी है, जिससे ड्राई आई, सूजन, जलन और कोर्निया संबंधी अल्सर आदि अंधा कर देने वाली समस्याओं से बचा जा सके।
“आंखें विभिन्न प्रकार के संक्रमणों की चपेट में आसानी से आ जाती हैं। ऐसे में कोविड-19 के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing During COVID-19) और व्यक्तिगत स्वच्छता की मदद से इस संक्रमण (हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि यह संक्रमण आंखों से प्रवेश कर सकता है, लेकिन रोकथाम के लिए ध्यान देना जरूरी है) से बचा जा सकता है। हाथों को धोने और आंखों को न छूने से कई प्रकार के संक्रमणों से बचा जा सकता है। हमारे हाथों में सैंकड़ों कीटाणु मौजूद होते हैं इसलिए अपनी आंखों को गलती से भी रगड़े नहीं। बाहर से आने के बाद सबसे पहले हाथों को ठंडे पानी से धोएं। आंखों को बार-बार छूने या रगड़ने की गलती न करें क्योंकि इससे ड्राई आई और जलन की समस्या हो सकती है।”
एआईओएस की महासचिव, डॉ. नम्रता शर्मा ने बताया कि,
“कमजोर इम्यूनिटी के कारण किसी भी संक्रमण का खतरा बुजुर्गों में सबसे ज्यादा होता है। इसलिए बुजुर्गों और गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीजों विशेषकर उच्च रक्तचाप और डायबिटीज के मरीजों को अपनी आंखों की सफाई पर खास ध्यान देना चाहिए। डायबिटीज के मरीजों के लिए सलाह कि वे अपने शुगर लेवल और बीपी लेवल की नियमित रूप से जांच करें क्योंकि ये समस्याएं आंखों पर अतिरिक्त दबाव बनाकर उन्हें कमजोर करने का काम करती हैं। थोड़ी सावधानी के साथ आंखों की गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है, विशेषकर डायबिटीज के मरीजों के लिए यह जरूरी है।”
समग्र स्वास्थ्य के लिए संतुलित आहार का सेवन जरूरी है। पौष्टिक आहार का सेवन सबसे बेहतर होता है इसलिए स्वस्थ आंखों के लिए संबंधित पौष्टिक चीजों का सेवन करें।
लॉकडाउन में आंखों की किसी भी समस्या से संबंधित दवाइयों की कमी न हो इसके लिए घर में आई ड्रॉप और जरूरी दवाइयों को पहले ही खरीद कर रख लें। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप घर को ही मेडिकल स्टोर बना दें। विशेषकर मोतियाबिंद जैसी गंभीर बीमारी वाले लोगों को इस बात का खास ध्यान देना चाहिए।