नई दिल्ली, 26 जनवरी 2020. पूरा देश इस समय हर्षोल्लास के साथ गणतंत्र दिवस मना रहा है, लेकिन इस बीच अपने बेबाक बयानों के लिए पहचाने जाने वाले सर्वोच्च न्यायालय के अवकाशप्राप्त न्यायाधीश जस्टिस मार्कंडेय काटजू (Justice Markandey Katju, retired judge of the Supreme Court) ने सवाल किया है कि जब हमारे संविधान का चीर हरण किया गया है तो गणतंत्र दिवस क्यों मनाएं ?
“गणतंत्र दिवस या चीर हरण दिवस?
क्षमा करें मेरे देशवासियों, लेकिन मैं आपके साथ गणतंत्र दिवस नहीं मना सकता। मैं भारत में कुछ भी मनाता हुआ नहीं देखता हूं।
अर्थव्यवस्था गर्त में जा रही है, बेरोजगारी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है, किसानों की आत्महत्याएं बेरोकटोक जारी हैं, अल्पसंख्यकों को आतंकित किया जा रहा है, खाद्य पदार्तों और ईंधन की कीमतें बढ़ गई हैं और हमारे संव्धान का चीर हरण किया गया है।
इसलिए भोली भैसों जितनी ही खुशी मनाएं, लेकिन इस खुशी में मैं शामिल नहीं हो सकता।
हरि ओम”
जस्टिस काटजू केंद्र सरकार की संविधान विरेधी नीतियों की लगातार आलोचना कर रहे हैं।