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मोदी और उनके मित्रों पर ईडी क्यों मेहरबान? – कांग्रेस ने पूछा

रायपुर/23 जून 2022। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की निष्पक्षता पर सवाल (Question on the impartiality of Enforcement Directorate (ED) खड़ा करते हुये कहा कि ईडी भारतीय जनता पार्टी के इशारों पर सिर्फ विपक्षी दलों के खिलाफ कार्यवाही करती है। भाजपा नेता और मोदी के चहेते उद्योगपतियों के खिलाफ साफ दिख रही आर्थिक अनियमितताओं पर भी कार्यवाही करने से ईडी डरती क्यों है? मोदी द्वारा श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया में अडानी की मदद की जांच ईडी क्यों नहीं करती? क्या ईडी का गठन सिर्फ विपक्ष को दबाने के लिये किया गया है?

श्री मरकाम ने आज यहां जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि पिछले दिनों समाचार माध्यमों में एक खबर फैली जिसके अनुसार श्रीलंका की संसद में वहां के विद्युत मंडल के चेयरमैन ने यह आरोप लगाया कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति राजपक्षे पर इस बात के लिये लगातार दबाव बनाया कि वह श्रीलंका में बन रहे पॉवर प्रोजेक्ट के काम को अडानी ग्रुप को दिया जाये। उन्होंने कहा कि श्रीलंका की संसद में वहां के विद्युत मंडल के चेयरमैन के आरोप सतही नहीं हो सकते। ईडी ने इस आरोप की जांच के लिये संज्ञान क्यों नहीं लिया? ईडी का गठन इसीलिये तो हुआ है। प्रधानमंत्री विदेश में एक निजी कंपनी को ठेका देने के लिये एजेंट के रूप में सिफारिश  किया किसी केंद्रीय एजेंसी ने इसकी जांच क्यों नहीं किया?

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि 2014 में मोदी के सत्ता संभालते ही स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने एक ड्राफ्ट एमओयू बनाया और उस ड्राफ्ट एमओयू के तहत एक बिलियन डॉलर

अर्थात् 7,825 करोड़ रुपए उस एमओयू के तहत स्टेट बैंक ने और दुनिया के सारे बैंकों ने एक कन्सोर्शियम बनाकर अडाणी को फंडिंग देने का सोचा, जब इसका विरोध देश में हुआ, जब इसका विरोध ऑस्ट्रेलिया में हुआ, तो इस एमओयू को खत्म कर दिया। बात यहीं खत्म नहीं हुई। उसके पश्चात 2020 में पुनः  स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 5,000 करोड़ की फंडिग का प्रपोजल Adani’s Carmichael coal project in Australia के लिए दिया, जब इसका भी वहाँ पर क्लाइमेट एक्टिविस्ट्स ने विरोध किया, जब इसका भी वहाँ पर इनवेस्टर्स ने विरोध किया, तो स्टेट बैंक ने इसको भी रोक दिया। उन्होंने सवाल किया कि ईडी ने इसकी जांच क्यों नहीं किया?

कांग्रेस नेता ने कहा कि हमारा सवाल है कि क्या ईडी ने कभी अडाणी को बुलाकर पूछा कि आप किससे प्रेशर डलवा रहे हैं, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से लोन लेने के लिए? क्या ईडी ने स्टेट बैंक को बुलाकर पूछा कि वित्त मंत्रालय में बैठे कौन से मंत्री आपके ऊपर दबाव डाल रहे हैं कि आप अडानी को लोन दो? ऐसे और भी कई किस्से हैं, कर्नाटका के कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन के चेयरमैन ने प्रेस वार्ता करके बोला? कनार्टका में हर ठेके में 40 फीसदी कमीशन लगता है। क्या ईडी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री को पूछा कि आपके ऊपर चार्ज है कि आप जो भी काम करते हैं, उस पर 40 प्रतिशत कमीशन लेते हैं? वहाँ पर ईडी ने पूछताछ क्यों नहीं की? क्या ईडी ने कभी बुलाकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को पूछा कि व्यापम घोटाले के दोषी कौन-कौन हैं? क्या ईडी ने कभी गुजरात के मुख्यमंत्री को बुलाकर पूछा कि कांडला बंदरगाह पर 260 किलो ड्रग, कांडला, जो बंदरगाह है, वहाँ पर कैसे मिली, उसका क्या सोर्स था? क्या ईडी ने कभी हेमंत बिस्वा सरमा को बुलाकर पूछा कि ये पीपीई किट का घोटाला कैसे हुआ? क्या ईडी ने गोवा सरकार को बुलाकर पूछा, जब सत्यपाल मलिक ने स्वयं, जो कि गोवा के गवर्नर थे, कहा पब्लिकली कि गोवा सरकार जो भी करती है, इस धरती के ऊपर, उसमें करप्शन है? ईडी की आँखें वहाँ क्यों बंद हो जाती है? ऐसा उनके ऊपर क्या दबाव है?

Web title : Why doesn't ED probe Modi's aid to Adani in Sri Lanka, Australia?

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