Hastakshep.com-देश-Panchayat elections-panchayat-elections-The Hunger Project-the-hunger-project-आस्था संस्थान-aasthaa-snsthaan-द  हंगर प्रोजेक्ट-d-hngr-projektt-पंचायत चुनाव-pncaayt-cunaav

पंचायत चुनावों को भयमुक्त एवं हिंसामुक्त बनाने के लिए आगे आई  महिला जन-प्रतिनिधि

राजसमंद 29 नवंबर 2014। महिलाओं की राजनीतिक क्षमता (Women's political capacity) बढ़ाने, आगामी पंचायत चुनावों (Panchayat elections) को भयमुक्त एवं हिंसामुक्त बनाने, आरक्षित एवं अनारक्षित सीटों  पर वंचित वर्ग की महिलाओं को अधिक  लड़ने हेतु प्रेरित करने के उद्देश्य से द  हंगर प्रोजेक्ट, जयपुर के निर्देशन एवं दक्षिणीं राजस्थान की सहयोगी स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से राज्य-स्तरीय महिला सम्मेलन का आयोजन स्थानीय तुलसी साधना शिखर पर  आयोजित किया गया।

कार्यक्रम अधिकारी वीरेंद्र श्रीमाली ने बताया कि आगामी चुनावों में  अधिकाधिक संख्या में चुनाव लड़ने हेतु प्रेरित करने तथा उनके चुनकर आने हेतु रणनीति निर्माण तथा ग्राम स्तर पर चुनावों में अधिक मतदान   के लिए चेतना निर्माण हेतु स्वीप अभियान का आगाज़ इस सम्मेलन में किया गया। सम्मेलन में 400  से अधिक वर्तमान महिला जन-प्रतिनिधियों भागीदारी निभाई। श्रीमाली ने बताया कि विगत चुनावों में 55  प्रतिशत महिलाएं चुनकर आई थी जबकि इस बार इस से अधिक  महिलाओं की भागीदारी द्वारा स्थानीय स्वशासन में क्षेत्र को मजबूती देना कार्यक्रम का उद्देश्य था।

महिलाओं ने अपने हाथ उठाकर आगामी चुनावों में खड़े होने, प्रस्तावक बनने आदि हेतु हुंकार भरी। घर से लेकर  पंचायत चलाने तक के अपने सामर्थ्य  और भ्रष्टाचार मुक्त विकास सपने को परवाज़ दिया। सम्मेलन में महिलाओं के नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए स्वीप अभियान के तहत प्रेरणा गीत, फिल्म आदि का भी विमोचन ग्रामीण महिलाओं द्वारा किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए रेलमगरा प्रधान रेखा अहीर ने महिलाओं से मुखातिब होते हुए कहा कि  अगर महिलाएं चुनावों में चुनकर आती हैं  तो वे स्थानीय मुद्दों को अच्छे से समझ सकती हैं। स्वीप अभियान  द्वारा महिलाओं को  जागरूक करने की भी प्रशंसा की.

आस्था संस्थान के अश्विनी पालीवाल ने कार्यक्रम में इतनी अधिक महिलाओं की भागीदारी पर सबका धन्यवाद  प्रकट करते हुए कहा कि पांच साल पहले

जब महिलाएं किसी कार्यक्रम में आती थीं तो उनके घर के पुरुष सदस्य  साथ होते थे, किन्तु आज कार्यक्रम  में महिलाओं का अकेले आना एक बड़ी उपलब्धि रहा।  उन्होंने कहा कि  यह साबित  करता है कि महिलाएं समाज को नेतृत्व देने में सक्षम है, बशर्ते पुरुष उन्हें आगे आने हेतु स्पेस दे। थुरावड प्रकरण का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भविष्य में पंचायत चुनावों  महिलाएं अधिक संख्या में जीतकर आएँगी तो  जाति-पंचों के फरमानों को ख़त्म करने में उल्लेखनीय सफलता मिल सकेगी.

जतन संस्थान के गोवर्धन सिंह ने कई महिला जन प्रतिनिधियों के उदाहरण देते हुए कहा कि महिलाओं के प्रतिनिधित्व वाले क्षेत्रों में अधिक विकास हुआ है।

सम्मेलन को बिछीवाड़ा, सीमलवाडा, रेवदर, आबू रोड, राजसमन्द, रेलमगरा, कुम्भलगढ़ तथा  खमनोर ब्लॉक से आई विभिन्न महिला जन-प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव सुनाये। केलवाड़ा पंचायत से आई वार्ड पंच पार्वती बाई मेघवाल ने बताया कि उनके क्षेत्र में एक प्रभावी व्यक्ति के अतिक्रमण हटाने को लेकर उन्हें धमकियां तक मिली।  किन्तु उन्होंने हार नहीं मानी और अतिक्रमण हटा कर ही दम लिया ।

क्यारियाँ (आबू रोड) की युवा सरपंच नवली गरासिया ने अपनी पंचायत  को आदर्श बनाने और उसके कार्यों को बताने के लिए ऑस्ट्रेलिया जाने की बात बताइ. वर्धनी पुरोहित (ओडा रेलमगरा ), मांगी बाई (पछमता रेलमगरा), चुन्नी बाई (गुंजोल राजसमन्द )  ने भी अपने अनुभव सुनाये। कार्यक्रम में मंजू खटीक, सुमित्रा मेनारिया, धनिष्ठा, तारा बेगम, ओमप्रकाश आदि ने भी सम्बोधित किया।

सम्मेलन में जतन, आस्था, जनशिक्षा एवं विकास संगठन, जन चेतना, सारद संस्थान आदि संगठनों की भागीदारी रही।

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