Iran holds IAEA chief responsible for the death of innocent Iranians

ईरान के विदेश मंत्रालय का आरोप : IAEA प्रमुख ग्रोसी ने जानबूझकर गुमराह किया, "बेगुनाह ईरानियों की मौत के लिए जिम्मेदार"

नई दिल्ली, 19 जून 2025 — ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माईल बाकाई (Esmaeil Baqaei, Spokesperson Ministry of Foreign Affairs, Islamic Republic of Iran) ने एक तीखा हमला करते हुए IAEA (अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) के महानिदेशक राफायल ग्रोसी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

बाकाई ने एक ट्वीट में ग्रोसी पर पक्षपाती रिपोर्ट पेश करने और ईरान के खिलाफ "बिना सबूत" के आरोपों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है, जिससे पश्चिमी देशों को ईरान पर हमला करने का बहाना मिला।

ईरानी प्रवक्ता ने ट्वीट में लिखा :

“ग्रोसी ने खुद स्वीकार किया है कि ईरान द्वारा परमाणु हथियार की दिशा में कोई सुनियोजित प्रयास नहीं मिला। लेकिन यह सच्चाई उन्होंने अपनी पक्षपाती रिपोर्ट में छुपा ली, जिसे अमेरिका और यूरोपीय देशों (E3) ने एक झूठे प्रस्ताव का आधार बनाया। इसी प्रस्ताव को एक नरसंहारक युद्धप्रिय शासन द्वारा ईरान पर हमले के बहाने के तौर पर इस्तेमाल किया गया।”

IAEA पर 'युद्ध का औजार' बनने का आरोप

ईरानी प्रवक्ता बाकाई ने आरोप लगाया कि इस कथित झूठी रिपोर्ट के चलते ईरान की शांतिपूर्ण परमाणु सुविधाओं पर अवैध हमले हुए और कई निर्दोष ईरानियों की जान गई या वे अपंग हुए। उन्होंने कहा,

"क्या आप जानते हैं कि इस आपराधिक युद्ध के कारण कितने निर्दोष ईरानी मारे गए या घायल हुए? क्या इसी कसौटी पर UN नेतृत्व के लिए परखा जाता है?"

गुमराह करने वाली रिपोर्ट की भारी कीमत चुकानी पड़ी

ईरान सरकार के प्रवक्ता ने ग्रोसी पर "परमाणु अप्रसार संधि (NPT)" के साथ धोखा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि IAEA को उन्होंने एक ऐसे औजार में बदल दिया है जो NPT सदस्य देशों के अधिकारों को कुचलने के लिए गैर-NPT देशों के हाथ में चला गया है। उन्होंने सवाल किया,

"आपने IAEA को इस अन्यायपूर्ण युद्ध में साझेदार बना दिया है। क्या अब भी आपके पास कोई नैतिक विवेक बचा है, मिस्टर ग्रोसी?"

क्या है पूरा मामला

जैसा कि प जानते हैं कि हाल ही में IAEA प्रमुख ग्रोसी ने कहा था कि उन्हें ईरान की ओर से परमाणु हथियार के निर्माण की कोई ठोस या व्यवस्थित कोशिश का प्रमाण नहीं मिला। इसी बयान का हवाला देते हुए ईरान ने पश्चिमी देशों और IAEA दोनों पर हमला बोला है।

यह बयान ऐसे समय में आया है जब ईरान और पश्चिमी देशों के बीच तनाव चरम पर है और ईरान की परमाणु नीतियों को लेकर अंतरराष्ट्रीय राजनीति में लगातार उठापटक हो रही है।