OPCW में रूस का बयान – परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला चिंताजनक

  • अमेरिका-इज़राइल द्वारा ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु केंद्रों पर हमला
  • IAEA की निगरानी में रहे प्रतिष्ठान बने निशाना

रूस ने संयुक्त राष्ट्र के कानूनों की अवहेलना का आरोप लगाया

OPCW में रूस ने ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिका-इज़राइल के सैन्य हमले की कड़ी निंदा की। रूस ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून व UN संधियों का घोर उल्लंघन बताया।

नई दिल्ली, 4 जुलाई 2025. रसायनिक हथियार प्रतिबंध संगठन (ओपीसीडब्ल्यू) में रूस के स्थायी प्रतिनिधि, व्लादिमीर तराब्रिन (Vladimir Tarabrin, Russia’s Permanent Representative to the Organization for the Prohibition of Chemical Weapons (O.P.C.W.)) ने ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु केंद्रों पर हुए अमेरिका-इज़राइल के सैन्य हमलों की कड़ी निंदा करते हुए इसे अंतर्राष्ट्रीय कानून, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के समझौते भी शामिल हैं, का घोर उल्लंघन बताया है।

ओपीसीडब्ल्यू की कार्यकारी परिषद के 67वें सत्र को संबोधित करते हुए, ताराब्रिन - जो नीदरलैंड में रूस के राजदूत भी हैं - ने ईरान के परमाणु केंद्रों पर हुए हमलों की कड़ी निंदा की। ये केंद्र अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की सुरक्षा में हैं।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह की कार्रवाइयां स्थापित अंतर्राष्ट्रीय कानूनी ढांचे का स्पष्ट उल्लंघन करती हैं।

ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी इरना के अनुसार तेहरान के शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम पर ईरान और अमेरिका के बीच होने वाली कूटनीतिक बातचीत से कुछ दिन पहले, 13 जून को इज़राइल ने हमला बोल दिया। ईरान के परमाणु संयंत्र भी निशाना बने।

22 जून को, संयुक्त राज्य अमेरिका ने इज़राइल का साथ देते हुए फ़र्डो, इस्फ़हान और नाटांज़ स्थित तीन ईरानी परमाणु केंद्रों पर हवाई हमले किए। प्रतिक्रियास्वरूप, ईरान के सशस्त्र बलों ने इज़राइल के कब्ज़े वाले इलाक़ों में महत्वपूर्ण ठिकानों पर जवाबी हमले किए, जिससे भारी नुकसान हुआ। 24 जून को युद्धविराम लागू हुआ।