लखनऊ, 25 जुलाई। भाकपा (माले) ने कहा है कि मुख्यमंत्री योगी के भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन के दावे की पोल खुल गई है। तबादला घोटाला, पशुपालन घोटाला, बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे घोटाला आदि ताजा उदाहरण हैं।
राज्य सचिव सुधाकर यादव ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि योगी सरकार 2.0 के लगभग चार माह ही बीते हैं कि घोटालों की परतें खुलने लगी हैं। नवनिर्मित बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे उद्घाटन के एक सप्ताह भीतर ही कई जिलों में धंस गया और इसमें हुआ भ्रष्टाचार सतह पर आ गया। एक्सप्रेस वे पर सुरंगे बन गईं। इसे बनाने वाली एजेंसी के ऊपर क्या कार्रवाई हुई, अभी तक प्रदेशवासियों को नहीं पता।
माले नेता ने कहा कि योगी सरकार में तबादला उद्योग बदस्तूर जारी है और इसबार यह छुपा नहीं रहा। भंडाफोड़ हो जाने के कारण भागमभाग मची है। अफसर से लेकर मंत्री तक पल्ला झाड़ रहे हैं। किसे कितनी हिस्सेदारी मिली, अभी सामने आना है। यही नहीं, योगी सरकार 1.0 में 2021-22 के दौरान बेजुबान पशुओं के इलाज की रकम के 50 करोड़ रुपए डकार लिये गए। इस तरह योगी सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल में घोटालों की परंपरा जारी है। भ्रष्टाचार के प्रति 'जीरो टॉलरेंस' के सरकारी ढोल की हकीकत जनता से छुपी नहीं रही।
Yogi's claim of corruption-free administration has been exposed: CPI(ML)