प्रकाश के बीच में वस्तु आ जाने पर उसकी दूसरी ओर उस वस्तु की परछाई बनती है. इस तरह सूर्य के प्रकाश से पैदा हुयी परछाई सूर्य के पूर्व से पश्चिम तक चलने पर सभी की परछाई पश्चिम से पूर्व की ओर खिसकती है.
हमारी पृथ्वी के 23.5 डिग्री के झुकाव की वजह से सूर्य 23.5 डिग्री तक जाके वापिस आता है उस दौरान विषुव वृत्त (equinoctial line) से कर्क वृत्त (Cancer circle) तक सूर्य के जाते समय और वापिस कर्क वृत्त से विषुव वृत्त तक आते समय साल में दो बार उस दोनों के बीच में रहने वाली सभी वस्तुओं यथा पेड़, मकान, गाड़ी सब की परछाई गायब हो जाती है. मतलब कि सभी की परछाई इन चीजों के बिलकुल नीचे चली जाएगी.
यह करिश्मा कर्कवृत्त से ऊपर रहने वालों को देखने को नहीं मिलता. इसीलिए अगर आप 23.5 से ऊपर के अक्षांस यथा दिल्ली, मथुरा, हरिद्वार में रहते हैं तो यह नज़ारा नहीं देख सकेंगे।
जब सूर्य का नीचे को झुकाव (Declination) यानि कि आकाशी ढलान हमारे शहर या गाव के
कुछ झलक :
20 डिग्री : दादरा नगर हवेली, नासिक, नागपुर, औरंगाबाद, भुवनेश्वर(उड़ीसा) इत्यादि पर 20/5/16 और 23/7/2019
21 डिग्री: सूरत, धुले (महाराष्ट्र), वर्धा, रायपुर(छ.ग.) सभालपुर (ओडिशा) इत्यादि पर 25/5/2016 और वापसी में 18/7/2019
22 डिग्री: गोंडल, वल्लाभिपुर, राजपिपला, भरूच(गुज), बड़वानी( म.प्र), छिंदवाड़ा, बिलासपुर(छत्तीसगढ़ ), सुंदरगढ़ (ओडिशा), बरिवादा, हल्दिया, लुइपंग (मिजोरम ), इत्यादि पर 31/5/16 और वापसी में 11/7/2019 .
22.19: डिग्री: जामनगर, राजकोट, वड़ोदरा, छोटाउदेपुर, कलकत्ता, इत्यादि पर 3/6/2019 और वापसी में 10/7/2019 .
23 डिग्री : भुज, अंजार, विरामगाम, अमदावाद, (गुज), उज्जैन(म.प्र.), भोपाल, जबलपुर, बैकुंठपुर, अंबिकापुर, गोबिंदपुर(झारखंड ) इत्यादि पर 10/6/19 और 2/7/19
23.5 डिग्री : कड़ी, माणसा, मोडासा, नाखात्रना, नारायण सरोवर, कोटेश्वर (गुज), साजपुर, विदिशा(म.प्र.), रांची(झारखंड) दुर्गापुर (प.बंग) अनारपुर (त्रिपुरा) इत्यादि पर 21/6/2019 को उस दिन परछाई गायब होगी.
उसे कितने बजे देखे:
आम तरीके से लोग मानते हैं कि दोपहर 12 बजे यह होगा मगर ऐसा नहीं है. जब आपके शहर या गांव के मध्यांतर रेखा पर सूर्य नारायण आते हैं तब यह होता है. जैसे कि वड़ोदरा की बात करें तो 3 जून को दोपहर 12 :35 :15 को जब कि 10 जुलाई को दोपहर 12 :42 :29 को वड़ोदरा में परछांई गायब होगी. आप अपने स्थानीय समय की जानकारी स्थानीय खगोलविद् से प्राप्त करें अथवा हमें लिखें.
इस अद्भुत खगोलीय करिश्मे का, जिसको कि सायद आप भी पहली बार जान रहे हैं उसका रसास्वादन स्वयं करें और दूसरों को भी करायें व् उसके फोटो भी खींचें। .
प्रस्तुति:
दिव्यदर्शन डी पुरोहित
गुरुदेव वेधशाला,
वड़ोदरा (गुजरात)
(Divyadarshan D Purohit – Director - Gurudev Observatory)