लखनऊ। उत्तर प्रदेश में राजघरानों की एक बड़ी लड़ाई सड़क पर लड़ी जा रही है। इस लड़ाई का सम्बन्ध एक नहीं कई छोटी बड़ी रियासतों से है। इसका संबंध छतीसगढ़ के जांजगीर चांपा स्थित अकलतरा स्टेट से लेकर अमेठी के राजमहल भूपति भवन से लेकर मनिकापुर और राजा मांडा यानी पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह के परिवार तक से है। हफ्ते भर से अमेठी के भूपति महल में जो ड्रामा चल रहा है वह किसी पुरानी फिल्म जैसा रोचक हो गया है। बताते हैं इस आग को आक्सीजन छतीसगढ़ से भी मिली है।
इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस मामले में दखल दिया तो सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी स्थानीय प्रशासन को 'अन्याय' न करने की चेतावनी दे दी है। इससे इस इस विवाद की गहराई को समझा जा सकता है।
अमेठी के राजाओं का इतिहास | History of Amethi
उत्तर प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण माना जाने वाला अमेठी राजघराना अब विवादों में है। राजघराने की लड़ाई डॉ. संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह के बेटे बेटियों बनाम दूसरी पत्नी अमिता सिंह के बीच ठनी है। इस पूर्व रियासत के उत्तराधिकारी डॉ. संजय सिंह फिलहाल असम से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य हैं। वे परिवार के साथ राजनैतिक दल भी बदल चुके हैं। अबकी वे किसी राजनैतिक नहीं बल्कि पारिवारिक विवाद में फंसे हैं। विवाद के केंद्र में उनकी दूसरी पत्नी अमिता सिंह हैं, जो कभी मशहूर बैडमिन्टन खिलाड़ी अमिता मोदी के नाम से जानी जाती थीं। बाद में रानी बनीं और संजय सिंह, जिन गरिमा सिंह को अमेठी ब्याह कर लाए थे वे महल से बाहर हो गईं। गरिमा सिंह राजा मांडा के परिवार की थीं।
डॉ. संजय सिंह की पत्नी गरिमा सिंह ने भी बीस साल की खामोशी तोड़ी है। गरिमा सिंह पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह
गौरतलब है कि शनिवार को अमेठी राजघराने के महल भूपति भवन के केयरटेकर संतोष सिंह ने रियासत के भावी उत्तराधिकारी कुंवर अनंत विक्रम सिंह सहित नौ लोगों के खिलाफ लूट व मारपीट की एफआईआर दर्ज कराई है। इसके पहले शुक्रवार को कुंवर विक्रम ने अपनी सौतली मां अमिता सहित सात लोगों के खिलाफ कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई थी। अब दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ पुलिस के पास एफआईआर दर्ज करा दी है। घटना के बाद भूपति भवन के इलाके रामपुर में तनाव है। पुलिस बेहद सतर्क है। रियासत के पुराने वफादार कुंवर के साथ है जबकि कुंवर विक्रम की सौतेली मां अमिता सिंह के साथ तमाम नए लोग एकजुट हैं। अमिता सिंह ने लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर सुलतानपुर से चुनाव लड़ा था। इस सीट पर 2009 के चुनाव में डा.संजय सिंह जीते थे। इस चुनाव में अमिता सिंह को 50 हजार वोट भी नहीं मिले।
अमेठी रियासत की विरासत की लड़ाई कांग्रेस के लिए मुश्किलों का सबब बन सकती है। इस संसदीय क्षेत्र से राहुल गांधी सांसद हैं और केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने इस पर दावा ठोंका है। लोकसभा चुनाव में ईरानी को राहुल गांधी के खिलाफ तीन लाख वोट मिले थे। कांग्रेस ने डा.संजय सिंह को भाजपा में जाने से रोकने के लिए असम से राज्यसभा भेजा था। अब रियासत के परिवार में छिड़ी जंग पार्टी को परेशान कर सकती है। कुंवर अनंत सिंह पिछले एक साल से क्षेत्र में सक्रिय हैं। उन्होंने अच्छी खासी पैठ भी बना ली है। उनकी मां गरिमा सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह के परिवार से ताल्लुक रखती हैं। कुंवर अनंत विक्रम की ससुराल छत्तीसगढ़ की अकलतरा स्टेट में है।
इस विवाद का रोचक पहलु यह है कि अमेठी रियासत के उत्तराधिकारी व असम से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डा. संजय सिंह के जिन बच्चों ने करीब 18 साल पहले अपनी सौतली मां अमिता सिंह के साथ खड़े होकर सगी मां गरिमा सिंह के लिए दरवाजे बंद किये थे, अब उन्हीं को रियासत के उसी महल भूपति भवन के भीतर दाखिल होने से रोका जा रहा है, उनके साथ हाथापायी भी की गई। बीते शुक्रवार को भूपति भवन में कब्जे की कोशिश में डा.संजय सिंह के बेटे कुंवर अनंत सिंह, उनकी बहन शिवानी पर हमला किया गया। हमले का आरोप अमिता सिंह के करीबियों पर है। इस बीच डॉ. संजय सिंह ने कहा- हमने पिता के रूप में अपनी पूरी जिम्मेदारी निभाई है, उसकी ससुराल वालों ने उन्हें गुमराह किया है। हमारा परिवारिक मामला है, आपस में सुलझा लेंगे। जबकि अमिता सिंह ने कहा है कि आरोप गलत है, माता कभी कुमाता नही होती है।
बताया जा रहा है कि कुंवर की सौतली मां अमिता सिंह के निजी सचिव व समर्थक इसके लिए जिम्मेदार है। निजी सचिव रामराज मिश्र के बेटे ने हवाई फायरिंग भी की है। कुंवर अनंत की ओर से लिखाई गई एफआईआर में मारपीट व घर में न घुसने देने की साजिश का जिम्मेदार अमिता सिंह को बताया गया है। कुंवर पर हमले की खबर के बाद गांववालों ने उसके पक्ष में अमिता सिंह के पीआरओ की भी पिटाई की। गुस्साए लोगों ने पथराव किया और गाडिय़ों में तोडफ़ोड़ की। बहरहाल उत्तर प्रदेश के कई पूर्व राज घराने गरिमा सिंह के साथ खड़े हो गए हैं।
अंबरीश कुमार
जनादेश