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तनु शर्मा प्रकरण की सी0बी0आई0 जाँच हो- जेयूसीयस
रितु धवन और रजत शर्मा को तत्काल गिरफ्तार किया जाए
इंडिया टी0वी0 की लोक सभा चुनाव में भूमिका पर जाँच करे चुनाव आयोग
प्रेस काउंसिल मीडिया संस्थानों में महिला पत्रकारों के यौन उत्पीड़न पर आयोग गठित करे
नई दिल्ली/ लखनऊ। इंडिया टीवी की एंकर तनु शर्मा, जिसने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए आत्महत्या का असफल प्रयास किया था, को इंसाफ दिलाने और आरोपियों पर कानूनी प्रक्रिया का दबाव बढ़ाने के लिए नॉएडा की फिल्म सिटी में एक प्रदर्शन के लिए लोग एकत्रित हुए तो लखनऊ में पत्रकारों के संगठन जेयूसीएस ने रितु धवन और रजत शर्मा को तत्काल गिरफ्तार किये जाने की मांग करते हुए प्रकरण सीबीआई करो सौंपे जाने की मांग की।
ज्ञात हो कि तनु शर्मा के लिखित बयान में रजत शर्मा की पत्नी रितु धवन, अनीता शर्मा बिष्ट और एमएन प्रसाद का नाम आने के बाद भी उन पर कार्यवाही न होने और आरोपियों को बचाए जाने से क्षुब्ध हो कर मीडिया एक्टिविस्ट महेंद्र मिश्र के आव्हान पर एक प्रदर्शन और सभा का अहवाह्न किया गया था जिस पर कुछ सामाजिक कार्यकर्ता नोएडा स्थित फिल्मसिटी में एकत्रित हुए और रजत शर्मा, इंडिया टीवी और पुलिस की कार्यवाही के खिलाफ एक ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौंपा। इस ज्ञापन में तनु शर्मा के केस में कठोर और त्वरित कार्यवाही की मांग के साथ अनेक सुझाव भी दिए गए जिनसे कार्यस्थल पर उत्पीड़न बंद करने में सहायता मिलेगी।
भाकपा (माले) नेता कविता कृष्णन ने आये हुए लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे मामले कहीं न कहीं राजनैतिक संरक्षण की तरफ इशारा तो करते ही हैं साथ ही साथ ये भी साबित करते हैं कि मीडिया हाउसेस में अब एक आमूलचूल सुधार की भी ज़रूरत है। उन्होंने विशाखा गाइडलाइन्स को भी कड़ाई से लागू करने पर जोर दिया।
वरिष्ठ

मीडियाकर्मी और इंडिया टीवी के पूर्व एडिटोरियल डायरेक्टर प्रशांत टंडन ने जोर दे कर कहा कि सिर्फ महिलाओं का ही नहीं पुरुषों का भी शोषण होता है। ऐसे में कर्मचारियों के किसी भी तरह के शोषण और पत्रकारिता से जुड़े तमाम दोषों को जड़ से ख़त्म करने के लिए सिर्फ समाजसेवियों को ही नहीं, हर एक वर्ग को और सबसे बढ़ कर खुद मीडिया कर्मियों को आगे आना होगा। सब साथ मिल कर ही ऐसी बुराइयों पर विजय पा सकते हैं।
इस प्रदर्शन का एकमात्र नकारात्मक पक्ष भी खुल कर दिखा जब इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लोग, जिनसे ये मामला सबसे ज्यादा जुड़ा है, वे ही अनुपस्थित थे। आश्चर्यजनक रूप से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से कोई भी मीडियाकर्मी शिरकत करने नहीं आया जिससे इस बात को बल मिला कि खुद मीडिया कर्मी या तो इस तरह के कृत्य के खिलाफ आवाज़ उठाने से पीछे हट रहे हैं और सरोकारी पत्रकरिता को व्यापारिक कॉर्पोरेट पत्रकारिता ने विस्थापित कर दिया है या उन्हें नौकरी के खतरे दिखा कर आवाज़ न उठाने के लिए डराया जा रहा है। इससे इन बातों को भी बल मिलता है कि मीडिया के अन्दर होने वाली घटनाओं को लेकर मीडिया खुद ही संवेदनशील नहीं है।
प्रदर्शन से पूर्व सभी ने आपने अपने विचार रखे और बाद में ये विरोध प्रदर्शन सभा में तब्दील हो गया। सभा के बाद एक ज्ञापन एसडीएम को उनके कार्यालय में सौंपा गया जिसमें तनु शर्मा को इंसाफ दिलाने और आरोपियों पर शिकंजा करने समेत अनेक सुझाव दिए गए हैं जिनसे कार्यस्थल पर उत्पीड़न की घटनाओं पर रोक लगायी जा सके।
इनमें महिला समाजसेवी कविता कृष्णन, वरिष्ठ मीडियाकर्मी और इंडिया टीवी के पूर्व अधिकारी प्रशांत टंडन,जेएनयू के छात्र संघ के नेता अकबर चौधरी, मीडिया एक्टिविस्ट महेंद्र मिश्र और अन्य कई लोगों ने शिरकत की.
उधर लखनऊ में जर्नलिस्ट्स यूनियन फॉर सिविल सोसाइटी (जेयूसीयस) ने इण्डिया टी0वी0 की रिर्पोटर तनु शर्मा के साथ हुए मानसिक उत्पीड़न और दुर्व्यवाहर की निंदा की। बैठक में कहा गया कि इण्डिया टी0वी0 की रिर्पोटर तनु शर्मा ने पुलिस को जो बयान दिया वह लोकतन्त्र के चैथे स्तम्भ के पीछे की छिपी हुई गंदगी को उजागर करता है। चूँकि यह पूरा मामला भाजपा के करीबी पत्रकार रजत शर्मा और उनकी पत्नी रितु धवन से जुड़ा हुआ है, इसलिए पूरे प्रकरण को प्रशासन द्वारा दबाये जाने का प्रयास किया जा रहा है। रितु धवन ने जिस तरह से अनीता शर्मा और एमएन प्रसाद के जरिए तनु शर्मा को कॉरपोरेट्स और राजनेताओं के ‘पास’ जाने के लिए दबाव बनाया, वह कई सवाल खड़े करता है।
बैठक में इस पूरे प्रकरण की सी0बी0आई0 जाँच की मांग की गई ताकि यह साफ हो जाए कि आखिर वे कौन से राजनेता और उद्योगपति हैं जिनके पास इंण्डिया टी0वी0 अपने महिला पत्रकारों को भेजने की कोशिश करता था।
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि चूंकि रजत शर्मा संघ परिवार के छात्र संगठन एबीवीपी से जुड़े रहे हैं और उनके भाजपा व संघ नेताओं से नजदीकी रिश्ते हैं वे तथ्यों से छेड़ छाड़ कर सकते हैं और जांच को प्रभावित कर सकते हैं इसलिए रजत शर्मा, रितु धवन और अनीता शर्मा व इस मामले से जुड़े अन्य लोगों के कॉल डिटेल्स, मैसेज, ई मेल आदि को तुरंत सुरक्षित किया जाए ताकि इस पूरे प्रकरण में संलिप्त राजनेताओं, और मीडियाकर्मियों, उद्योगपतियों को उनके करतूतों की सजा दी जा सके।
बैठक में उपस्थित सदस्यों ने चुनाव आयोग से भी मांग की कि तनु शर्मा प्रकरण ने कॉरपोरेट्स और राजनेताओं की गठजोठ का भी खुलासा किया है, इसलिए लोकसभा चुनाव में इण्डिया टी0वी0 की भूमिका पर भी जांच होनी चाहिए क्योंकि यह पूरा प्रकरण लोक सभा चुनाव के दरम्यान का ही है।
जेयूसीएस ने प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया से मांग की है कि वह इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए मीडिया संस्थानों में महिला पत्रकारों के यौन उत्पीड़न पर एक उच्चस्तरीय जांच आयोग बनाए और इस पर निश्चित समयावधि के अंदर अपनी रिपोर्ट रखे। मीडिया संस्थानों से जेयूसीएस ने मांग की कि वह तनु शर्मा के इंसाफ की इस लड़ाई में आगे आएं, क्योंकि जिस तरह से मीडिया संस्थानों से इससे जुड़ी खबरों को दबाया जा रहा है वह पत्रकारीय मूल्यों के खिलाफ ही नहीं महिला विरोधी रवैया भी है, जो ऐसा करने वाले सभी मीडिया सस्थानों को रजत शर्मा और इंडिया टीवी के इस अपराध भागीदार बना देता है।
बैठक में रजत शर्मा और रितु धवन की तुरंत गिरफ्तारी की भी मांग करते हुए तनु शर्मा को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की गई। क्योंकि पिछले दिनों संघ परिवार से ही नजदीकी रखने वाले आसाराम द्वारा किए गए यौन उत्पीड़न के अहम गवाह की हत्या कर दी गई थी। बैठक में राघवेन्द्र प्रताप सिंह, हरेराम मिश्रा, लक्ष्मण प्रसाद, मु0 आरिफ, अनिल यादव, गुफरान सिद्दीकी और शाह आलम इत्यादि उपस्थित थे।

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