बसपा (BSP) और भाजपा (BJP)। मेरा स्पष्ट मानना है कि जिन राजनीतिक पार्टियों का विचारधारात्मक ढांचा जाति पर टिका है, उन्हें भाजपा का अवसरवादी साथी (opportunist partner of BJP) होने में देर नहीं लगेगी। चाहे वो सवर्ण जातिवाद (Upper casteism) से प्रेरित हों या दलित उभारवाद (Dalit elevation) से। बसपा उत्तर भारत में दलित उभार से उत्पन्न एक जातिवादी पार्टी है। इसकी विचारधारा और सांगठनिक ढांचा पूरी तरह से सामंती और जाति केंद्रित है। जातीय गठजोड़ भी इसी जाति आधारित राजनीति का अवसरवादी पहलू है।
जो बसपा को जाति विरोधी पार्टी के रूप में देखते हैं, वे भूल करते हैं।
स्वतंत्र भारत में जाति को जाति विरोधी राजनीतिक पार्टी बना कर कमजोर या ख़तम नहीं किया जा सकता। एक block type political formation तो किया जा सकता है, लेकिन वह केवल चुनावी राजनीति के तौर पर ही संचालित हो सकता है।
मैं भाजपा आरएसएस की मूल विचारधारा सवर्ण जातिवाद (BJP's original ideology of racial casteism) या ब्राह्मणवाद नहीं मानता। यह केवल और केवल एक फासीवादी विचारधारा वाला संगठन है। इसमें, इसके ढाँचे में सामंती मूल्यों वाले तमाम political blocks या formations को absorb करने की अपार क्षमता है, जैसा कि पूर्व में दिख भी चुका है।
बसपा भाजपा की एक स्वाभाविक सहयोगी political block है। भले ही ऊपर ऊपर कुछ और दिखाई दे।
(आलोक वाजपेयी, लेखक इतिहासकार व राजनीतिक विश्लेषक हैं, यह आलेख हस्तक्षेप पर August 24,2016 10:04 को प्रकाशित हुआ)
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