रायपुर, 13 अगस्त। छत्तीसगढ़ में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी वाम एकता के निर्माण और आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार सुनिश्चित करने के लिए काम करेगी. इसके लिए दोनों पार्टियों ने सभी वामपंथी, लोकतान्त्रिक और धर्मनिरपेक्ष ताकतों को साझा मुद्दों पर संगठित करने तथा संघर्ष छेड़ने की बात कही है.
आज यहां जारी एक संयुक्त बयान में माकपा राज्य सचिव संजय पराते और भाकपा राज्य सचिव आरडीसीपी राव ने कहा है कि भाजपा ने चुनावों के दौरान आम जनता से जो वादे किए थे, वे सब 'जुमले' साबित हुए हैं. भाजपा की आर्थिक नीतियों के कारण आम जनता शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, पेयजल और रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाओं से भी महरूम हैं. इसके कारण जो जनअसंतोष पैदा हो रहा है, उसे वह सांप्रदायिक दिशा देने की कोशिश कर रही है. इससे देश की एकता-अखंडता व सामाजिक सद्भाव ही खतरे में पड़ गया है.
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी आम जनता के सभी तबके – मजदूर-किसान, दलित-आदिवासी-अल्पसंख्यक, छात्र-नौजवान-महिलाएं – परेशान हैं और उनके जीवन-स्तर में भारी गिरावट आई है. प्राकृतिक संसाधनों को कार्पोरेटों को सौंपने की नीति के कारण दलित-आदिवासी विस्थापन का शिकार हो रहे हैं. अल्पसंख्यकों के खिलाफ जहर भरा प्रचार किया जा रहा है और धर्मनिरपेक्ष मानस को छिन्न-भिन्न करने की हरकतें जारी हैं. पूरी सरकार संविदा कर्मचारियों के भरोसे चल रही है, जबकि लाखों सरकारी पद खाली पड़े हैं. प्रदेश में लोकतांत्रिक ढंग से आंदोलन की इजाजत तक नहीं हैं और जब वे अपने अधिकारों की मांग करते हैं, तो उन्हें नक्सली और देशद्रोही करार दिया जाता है.
पराते और राव ने कहा है कि इन परिस्थितियों में आज राजनैतिक प्राथमिकता भाजपा की हार को सुनिश्चित करना है, ताकि संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के संघर्ष को आगे बढ़ाया जा सके. इसके लिए माकपा और भाकपा अपने