मुंबई, 2 सितंबर (न्यूज़ हेल्पलाइन) बीते दिनों रविवार, 25 अगस्त को 39 वर्षीय टेलीग्राम के सीईओ पावेल डुरोव (Pavel Durov, CEO, founder and owner of Telegram) को फ्रांस के ले बॉर्गेट हवाई अड्डे पर गिरफ्तार कर लिया गया। वे बाकू, अज़रबैजान से लौटने के बाद अपने निजी जेट से उतर रहे थे। फ्रांसीसी अधिकारियों ने उन पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर अवैध गतिविधियों की पर्याप्त निगरानी नहीं की। गिरफ्तारी के बाद डुरोव ने अदालत में पेश होने से पहले चार दिन हिरासत में बिताए, और उन्हें 5 मिलियन यूरो की जमानत पर रिहा कर दिया गया।
अब डुरोव को रिहा किया जा चुका है, लेकिन कानूनी प्रक्रिया अभी भी जारी है, और उन्हें फ्रांस नहीं छोड़ने का निर्देश दिया गया है। इस घटना ने तकनीकी कंपनियों की जिम्मेदारियों पर चल रही वैश्विक बहस को एक महत्वपूर्ण मोड़ दे दिया है। यहाँ पर इस मामले से संबंधित प्रमुख बिंदुओं की जानकारी दी जा रही है और आगे क्या होने वाला है, इसका विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है।
टेलीग्राम के सीईओ पावेल डुरोव को हाल ही में फ्रांस में गिरफ्तार किया गया है, और उन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। फ्रांसीसी अभियोजक लॉरे बेकुओ द्वारा आरोपित आरोपों में बाल पोर्नोग्राफी, नशीले पदार्थों की तस्करी और धोखाधड़ी के वितरण में संलिप्तता शामिल है, जो कथित तौर पर टेलीग्राम पर मॉडरेशन की कमी (Lack of moderation on Telegram) के कारण हुए हैं। इन दावों से पता चलता है कि टेलीग्राम की एन्क्रिप्शन और गोपनीयता सुविधाओं का उपयोग अपराधियों द्वारा अवैध गतिविधियों को छुपाने और संचालित करने के लिए किया गया है। इसके साथ ही, डुरोव पर कानून
स्थिति की गंभीरता तब सामने आई जब 25 अगस्त को ले बॉर्गेट हवाई अड्डे पर डुरोव को उनके निजी जेट से उतरते ही गिरफ्तार कर लिया गया। इस गिरफ्तारी के परिणामस्वरूप डुरोव को 96 घंटे तक हिरासत में रखा गया और फिर 5 मिलियन यूरो की भारी जमानत पर रिहा किया गया। मुक्त होने के बावजूद, उन्हें फ्रांस में रहने और सप्ताह में दो बार पुलिस को रिपोर्ट करने जैसे कड़े शर्तों का पालन करना होगा। ये कड़े उपाय आरोपों की गंभीरता और डुरोव और उनकी कंपनी के खिलाफ चल रही विस्तृत जांच को दर्शाते हैं।
हालांकि, टेलीग्राम ने सभी आरोपों का खंडन किया है और उन्हें "बेतुका" करार दिया है। कंपनी का कहना है कि डुरोव के पास "छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है" और उसने यूरोपीय संघ के डिजिटल सेवा अधिनियम के अनुपालन की पुष्टि की है।
टेलीग्राम का मजबूत बचाव यह सवाल उठाता है कि क्या आरोप सही हैं या यह सरकार की ओर से अतिक्रमण का मामला है।
भारत सरकार ने भी इस मामले पर ध्यान दिया है और टेलीग्राम की जांच शुरू की है। भारतीय आईटी मंत्रालय ने गृह मंत्रालय से टेलीग्राम के खिलाफ लंबित शिकायतों की जांच करने का आग्रह किया है, विशेषकर जबरन वसूली और जुए के आरोपों से संबंधित।
भारतीय जांच ने डुरोव की कानूनी समस्याओं में जटिलता की एक और परत जोड़ दी है और मामले के वैश्विक प्रभावों को उजागर किया है।
भविष्य में क्या हो सकता है?
जैसे-जैसे पावेल डुरोव के खिलाफ कानूनी कार्यवाही जारी रहेगी, मामले के कई पहलू सामने आ सकते हैं। सबसे पहले, फ्रांसीसी अधिकारी आरोपों की गहन जांच करेंगे और टेलीग्राम की भूमिका से संबंधित सबूतों का मूल्यांकन करेंगे। डुरोव द्वारा जमानत की शर्तों का पालन सुनिश्चित करने के लिए कड़ी निगरानी की जाएगी, और इसका उल्लंघन करने पर कठोर दंड या पुनः गिरफ्तारी की संभावना हो सकती है।
Arrest of Telegram CEO Pavel Durov: developments and future prospects