Hastakshep.com-समाचार-मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार पर मोदी सरकार और कांग्रेस में टकराव-मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार पर कांग्रेस और भाजपा में विवाद-डॉ. मनमोहन सिंह का सम्मान और अंतिम संस्कार विवाद-निगमबोध घाट पर मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार की वजह-भाजपा ने कांग्रेस पर अंतिम संस्कार को लेकर राजनीति का आरोप लगाया-मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में कुप्रबंधन के आरोप,
राहुल गांधी ने केंद्र पर लगाया मनमोहन सिंह के अपमान का आरोप-पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार पर राजनीति-पवन खेड़ा ने मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में अव्यवस्थाओं की आलोचना की-डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर जेपी नड्डा की प्रतिक्रिया-क्या मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर सस्ती राजनीति हो रही है?,

डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार पर मोदी सरकार और कांग्रेस में टकराव

  • कांग्रेस का मोदी सरकार पर अपमान और कुप्रबंधन का आरोप
  • पवन खेड़ा ने अंतिम संस्कार में हुई असुविधाओं को गिनाया
  • जेपी नड्डा का पलटवार : सस्ती राजनीति का आरोप
  • डॉ. सिंह के सम्मान पर सवाल या राजनीति?

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच तीखी बहस छिड़ गई है। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर कुप्रबंधन और अपमान का आरोप लगाया, जबकि भाजपा ने इसे सस्ती राजनीति करार दिया। जानें इस विवाद के मुख्य बिंदु और दोनों पक्षों की दलीलें ...

नई दिल्ली, 29 दिसंबर 2024. पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार और स्मारक को लेकर कांग्रेस और केंद्र की मोदी सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार ने डॉ. सिंह के स्मारक के लिए स्थान आवंटित कर दिया था और उनके परिवार को इसकी जानकारी दी गई थी। उन्होंने कांग्रेस पर "सस्ती राजनीति" करने का आरोप लगाया। 

 कांग्रेस का मोदी सरकार पर अपमान का आरोप 

कांग्रेस ने केंद्र पर आरोप लगाया है कि देश के पहले सिख प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर करना उनके प्रति "अपमान" है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने डॉ. सिंह के साथ "पूरी तरह से अपमानजनक व्यवहार" किया। उन्होंने डॉ. सिंह को "भारत माता के महान सपूत" बताते हुए इस कृत्य की निंदा की। 

पवन खेड़ा का तीखा हमला 

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने इस मामले पर

ट्वीट कर अंतिम संस्कार में कुप्रबंधन और अनादर का आरोप लगाया। उन्होंने कुछ प्रमुख बिंदु उठाए: 

1. मीडिया कवरेज में पक्षपात : सिर्फ दूरदर्शन को कवरेज की अनुमति दी गई, लेकिन वह भी डॉ. सिंह के परिवार पर कम और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अमित शाह पर अधिक केंद्रित रहा। 

2. परिवार के लिए असुविधा : 

   - डॉ सिंह के परिवार के लिए पहली पंक्ति में केवल तीन कुर्सियां थीं। 

   - डॉ सिंह की बेटियों और अन्य परिजनों के लिए कांग्रेस नेताओं को सीटों की मांग करनी पड़ी। 

   - अंतिम संस्कार स्थल पर परिवार के लिए पर्याप्त स्थान नहीं दिया गया। 

3. राष्ट्रीय ध्वज सौंपने में असम्मान : प्रधानमंत्री और मंत्रियों ने उस समय खड़े होने की शिष्टता नहीं दिखाई, जब राष्ट्रीय ध्वज डॉ. सिंह की विधवा को सौंपा गया। 

4. राजनयिकों के लिए अव्यवस्था : विदेशी राजनयिकों को अलग स्थान पर बैठाया गया और वे अंतिम संस्कार स्थल से दिखाई भी नहीं दिए। 

5. सुरक्षा व्यवधान : अमित शाह के काफिले ने अंतिम यात्रा को बाधित किया, जिससे परिवार की गाड़ियां बाहर रह गईं। 

भाजपा का पलटवार 

जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि केंद्र ने डॉ. सिंह के स्मारक के लिए स्थान आवंटित किया है और कांग्रेस "सस्ती राजनीति" कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इस मुद्दे को विवादित बनाने के बजाय इसे गरिमा के साथ संभालना चाहिए। 

विवाद जारी 

यह घटना डॉ. मनमोहन सिंह जैसे प्रतिष्ठित नेता के सम्मान के लिए किए गए इंतजामों पर सवाल खड़ा करती है। जहां कांग्रेस इसे "अपमान" बता रही है, वहीं भाजपा इसे राजनीतिक एजेंडा करार दे रही है। 

Web Title: Controversy over Manmohan Singh's funeral: Congress and government face to face

 

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