Hastakshep.com-देश-Anti-CAA movement-anti-caa-movement-Bahujan Samaj Party-bahujan-samaj-party-Citizenship Amendment Act-citizenship-amendment-act-नागरिकता संशोधन कानून-naagriktaa-snshodhn-kaanuun-बहुजन समाज पार्टी-bhujn-smaaj-paarttii-सीएए विरोधी आंदोलन-siiee-virodhii-aandoln

Anti-CAA movement : Mayawati in support of Modi government (?)

नई दिल्ली, 13 जनवरी 2020. केंद्र में मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष की एकजुटता की कोशिशों को झटका लगा है। बहुजन समाज पार्टी ने भी यहां सोमवार को कांग्रेस की ओर से बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में भाग न लेने का ऐलान किया है।

कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यह बैठक नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश भर में हो रहे प्रदर्शनों (Protests across the country against the Citizenship Amendment Act) को लेकर विपक्ष की एकजुटता का संदेश देने के लिए बुलाई है।

सोमवार की सुबह मायावती ने तीन ट्वीट कर बैठक से दूरी बनाने की बात कह दी।

बसपा मुखिया मायावती ने राजस्थान में कांग्रेस से मिले धोखे का हवाला देते हुए कहा कि बाहर से सरकार को समर्थन देने के बाद भी दो बार उनके विधायकों को तोड़ा गया।

मायावती ने ट्वीट कर कहा,

"जैसा कि विदित है कि राजस्थान में कांग्रेसी सरकार को बीएसपी का बाहर से समर्थन दिए जाने पर भी इन्होंने दूसरी बार वहां के बीएसपी के विधायकों को तोड़कर उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है यह पूर्णतया विश्वासघात है।"

दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा,

"ऐसे में कांग्रेस के नेतृत्व में आज विपक्ष की बुलाई गई बैठक में बीएसपी का शामिल होना, राजस्थान में पार्टी के लोगों का मनोबल गिराने वाला होगा। इसलिए बीएसपी इनकी इस बैठक में शामिल नहीं होगी।"

मायावती ने आगे तीसरे ट्वीट में कहा,

"वैसे भी बीएसपी सीएए, एनआरसी आदि के विरोध में है। केन्द्र सरकार से पुन: अपील है कि वह इस विभाजनकारी व असंवैधानिक कानून को वापिस ले। साथ ही, जेएनयू व अन्य शिक्षण संस्थानों में भी छात्रों का राजनीतिकरण करना यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण।"

बता दें मायावती इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के प्रदर्शनों में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने पर सवालिया निशान लगाती रही हैं।

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1. जैसाकि विदित है कि राजस्थान कांग्रेसी सरकार को बीएसपी का बाहर से समर्थन दिये जाने पर भी, इन्होंने दूसरी बार वहाँ बीएसपी के विधायकों को तोड़कर उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है जो यह पूर्णतयाः विश्वासघाती है। 1/3

— Mayawati (@Mayawati) January 13, 2020