भाजपा-आरआरएस शिकस्त दो!!
भागलपुर, 04 नवंबर। वरिष्ठ पत्रकार व बुद्धिजीवी अनिल चमड़िया ने कहा है कि जातिवादी होकर सामाजिक न्याय की लड़ाई को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। सामाजिक न्याय उत्पीड़नकारी जातिव्यवस्था को तोड़ने के रास्ते ही आगे बढ़ सकता है।
श्री चमड़िया आज यहां स्थानीय वृंदावन परिणय स्थल, लहेरी टोला में एक दिवसीय सामाजिक न्याय सम्मेलन को मुख्य वक्ता के तौर पर संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय के नेताओं लालू-नीतीश-मुलायम-मायावती जैसों ने सत्ता हासिल करने के बाद सामाजिक न्याय के मोर्चे काम नहीं किया। अब ये सारे नेता सवर्णों को आरक्षण देने की बात करने लगे हैं। जबकि दलितों-अतिपिछड़ों-पिछड़ों के सत्ता व शासन की संस्थाओं में संख्यानुपात में प्रतिनिधित्व का सवाल हल नहीं हुआ है।
Communalism and privatization are anti-social justice.
श्री चमड़िया ने कहा कि 1990 में पिछड़ों को आरक्षण Reservation for backward मिलते ही राम रथ यात्रा शुरू हो गई तो दूसरी तरफ निजीकरण की शुरुआत हो गयी। सांप्रदायिकता व निजीकरण सामाजिक न्याय विरोधी है।
सामाजिक न्याय की खबर
News of social justice
अनिल चमड़िया ने कहा कि सामाजिक न्याय का रास्ता रोकने के लिए ही राजनीति का हिंदूकरण और हिंदुओं का सैन्यीकरण किया जा रहा है। यह लंबे समय से चल रहा
उन्होंने कहा कि RSS-भाजपा को शिकस्त देने के लिए व्यापक दृष्टि के साथ सामाजिक न्याय आंदोलन को आगे बढ़ाना होगा।
Even for Dalit Muslims, the battle for social justice should be fought.
सम्मेलन को संबोधित करते हुए दलित मुसलमानों के जीवन हालात पर अध्ययन व लेखन से जुड़े बुद्धिजीवी अयूब राईन Aiyub Rayeen ने कहा कि मुसलमानों का एक बड़ा हिस्सा दलितों जैसे हालात में है, लेकिन उन्हें अनुसूचित जाति की श्रणी में शामिल नहीं किया गया है। दलित मुसलमानों के लिए भी सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ी जानी चाहिए।
सामाजिक न्याय और भारतीय राजनीति
Social Justice and Indian Politics
अब-सब मोर्चा के हरिकेश्वर राम Harikeshwar Ram ने कहा कि सामाजिक न्याय के व्यापक एजेंडा पर सामाजिक-राजनीतिक गोलबंदी के जरिए ही भाजपा-RSS को पीछे धकेला जा सकता है।
अध्यक्षता कर रहे न्याय मंच के अर्जुन शर्मा ने 26 नवंबर-संविधान दिवस पर पटना के दारोगा प्रसाद राय ट्रस्ट हॉल में आयोजित सामाजिक न्याय सम्मेलन में भारी तादाद में जुटने का आह्वान किया।
बुद्धिजीवी प्रो. प्रेम प्रभाकर ने भी संबोधित किया।
सम्मेलन का संचालन सोशलिस्ट युवजन सभा के गौतम कुमार प्रीतम ने किया।
संबोधित किया - जनसंसद के रामानंद पासवान, जेएनयू छात्र नेता वीरेंद्र, ज्वाइंट एक्शन कमिटी के रिंकु, पी एस ओ के अंजनी, मानस, सोनम राव, मिथलेश विश्वास, वंचित समाज विकास मंच के नवीन प्रजापति, जनसंसद के अशोक कुमार गौतम, सोशलिस्ट युवजन सभा के अभिषेक आनंद, अनुपम आशिष, हाईकोर्ट के अधिवक्ता - अभिषेक आनंद, अबसब मोर्चा के विष्णु देव मोची, रामप्रवेश राम, जमशेद आलम, गणेश सिंह कुशवाहा, राजेश यादव, गिरजाधारी पासवान, राकेश चंद्रवंशी, विजय पासवान सहित कई एक ने!
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