Hastakshep.com-देश-Lok Sabha Elections 2019-lok-sabha-elections-2019-Pragya Thakur-pragya-thakur-प्रज्ञा ठाकुर-prjnyaa-tthaakur-लोकसभा चुनाव 2019-loksbhaa-cunaav-2019

नई दिल्ली, 30 अगस्त 2019. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद प्रज्ञा ठाकुर (Bharatiya Janata Party BJP MP Pragya Thakur) के बार-बार आने वाले के विवादास्पद बयानों के बाद भगवा पार्टी के नेतृत्व ने उन्हें किसी भी मुद्दे पर मीडिया से बात न करने की हिदायत दी है।

सूत्रों के मुताबिक उन्हें राज्य भाजपा के मुद्दों पर भी बात नहीं करने के लिए कहा गया है। अभी हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि चुप रहने के आदेश उनके ट्वीट करने पर भी लागू हैं या नहीं।

इस वर्ष की शुरुआत में जब लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) में भगवा पार्टी ने आतंकवाद की आरोपी प्रज्ञा ठाकुर को भोपाल से उम्मीदवार बनाया, तब से ठाकुर के विवादित बयानों ने बार-बार पार्टी को सकते में डाल दिया था। हालांकि अनौपचारिक तौर पर यह कार्रवाई भाजपा की मध्य प्रदेश इकाई के एक वर्ग द्वारा केंद्रीय नेतृत्व से शिकायत करने के बाद हुई।

इस सप्ताह की शुरुआत में पार्टी के दिवंगत नेताओं अरुण जेटली, बाबूलाल गौर और सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि देने के लिए भाजपा की मध्य प्रदेश इकाई द्वारा आयोजित एक शोक सभा में ठाकुर ने विपक्ष पर आरोप लगाया था कि उन्होंने नुकसान पहुंचाने के लिए 'मारक शक्ति' का इस्तेमाल किया।

उन्होंने कहा,

"जब मैं लोकसभा चुनाव लड़ रही थी तब एक महाराज जी ने मुझसे कहा था कि हमारा बुरा समय चल रहा है। विपक्ष भाजपा के खिलाफ किसी 'मारक शक्ति' का इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने जो कहा था, उसे मैं बाद में भूल गई थी। मगर अब जब मैं देख रही हूं कि हमारे शीर्ष नेता एक-एक कर हमें छोड़कर जा रहे हैं तो मैं सोचने के लिए मजबूर हूं। क्या महाराज जी सही थे?"

इससे पहले ठाकुर के उस बयान ने हड़कंप मचा दिया था, जब उन्होंने कहा था कि महात्मा गांधी के हत्यारा नाथूराम गोडसे एक देशभक्त था। टिप्पणी पर हंगामा

होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह कहना पड़ा था कि वह प्रज्ञा ठाकुर को बापू पर उनकी टिप्पणी के लिए कभी माफ नहीं करेंगे।

हालांकि बाद में प्रज्ञा ने इसके लिए माफी मांगी और अपने बयान को वापस ले लिया था। इसके बाद अमित शाह ने कहा था कि यह मामला अनुशासनात्मक कार्रवाई का है। शाह ने कहा था, "भाजपा ने बयानों को गंभीरता से लिया है और बयान को एक अनुशासनात्मक समिति को भेजा है।"