Hastakshep.com-Opinion-Chhattisgarh-chhattisgarh-Fraud in real estate business-fraud-in-real-estate-business-Housing for all-housing-for-all-real estate business-real-estate-business-Real Estate Regulatory Authority-real-estate-regulatory-authority-प्रधानमंत्री आवास योजना-prdhaanmntrii-aavaas-yojnaa-रियल एस्टेट का कारोबार-riyl-esttett-kaa-kaarobaar-रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण-riyl-esttett-niyaamk-praadhikrnn-सबके लिए आवास-sbke-lie-aavaas

अपना एक घर हो, हर किसी का सपना होता है। Everyone has a dream, he has his own house. 

देश में रियल एस्टेट का  कारोबार जिस तेजी से बढ़ा है उसी तेजी से ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी भी बढ़ी है। घर के सपने को पूरा करने के लिए अभावों में जी कर कोई पैसे जोड़े और पता चले कि कोई बिल्डर धोखे से पैसे ले लिए और जिस मकान या फ्लैट का सौदा किया था वह कानूनी झमेले में पड़ गया तो उसकी मनोदशा समझी जा सकती है।

बिल्डर को दिए पैसे की वसूली न तो आसानी से हो पाती है और न ही विवाद का निपटारा।

ऐसे कई मामले सामने आते रहते हैं और जब तक अदालत का फैसला आता है तब तक मकान का सपना देखने वाला इतना हताश और निराश हो चुका होता है कि उसे इस तरह के सौदे में धोखा ही धोखा नजर आने लगता है।

Fraud in real estate business in Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ में रियल एस्टेट के इस कारोबार में इस तरह की धोखाधड़ी के कई बड़े मामले सामने आ चुके हैं।

प्राय: सभी प्रमुख शहरों में रियल एस्टेट का कारोबार (real estate business) है। सबसे बड़ा कारोबार रायपुर का है जहां कारोबारी तरह-तरह की सुविधाओं का दावा करते हुए ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं। धोखाधड़ी के शिकार हो चुके लोग तो समझ सकते हैं कि उनके दावों में कितनी सच्चाई है, लेकिन एक नए ग्राहक के लिए यह जानना आसान नहीं होता। उसे सिर्फ उतनी ही जानकारी होती है, जितना बिल्डर उसे बताता है।

लेकिन अब बिल्डरों के लिए ग्राहकों से कोई जानकारी छिपाना या झूठे दावे करना संभव नहीं होगा। राज्य सरकार जल्द ही रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण  (Real Estate Regulatory Authority) का गठन करने जा रही है।

बिल्डरों को इस प्राधिकरण में पंजीयक आवश्यक होगा और उसे ही कोई प्रोजेक्ट लाने और बेचने की इजाजत होगी। प्रोजेक्ट की पूरी

जानकारी प्राधिकरण की वेबसाइट पर होगी और कोई ग्राहक उसके बारे में जान सकेगा।

यह प्राधिकरण ग्राहक के हितों का ध्यान रखेगा और किसी प्रकार के विवाद का निपटारा साठ दिनों के भीतर कर दिया जाएगा। बिल्डरों के लिए तीन साल तक की सजा का प्रावधान वाला कानून केन्द्र ने पहले ही पास कर दिया है, जो पूरे देश में लागू हो चुका है।

प्राधिकरण इस कानून के तहत ग्राहक के अधिकारों की रक्षा करेगा और बिल्डरों पर दबाव होगा कि वे धोखाधड़ी के प्रयासों से बाज आएं।

इस प्राधिकरण के गठन के बाद सबसे अच्छी बात यह होगी कि कोई बिल्डर आवासीय प्रोजेक्ट की सभी तरह की वैधानिक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद ही शुरू कर सकेगा। इसमें भूमि या भवन के निर्माण से संबंधित किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका नहीं रहेगी।

Demonetisation and real estate.

सबके लिए आवास (Housing for all) के जिस लक्ष्य के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की गई है उससे भी रियल एस्टेट कारोबार की संभावनाएं बढ़ी हैं। इस योजना के तहत मकान खरीदने के लिए मिलने वाली छूट का लाभ लिया जा सकता है। कुछ बिल्डर यह लाभ भी दिलाने का दावा कर रहे हैं।

नोटबंदी और नकद लेनदेन की सीमा तय होने के बाद हालांकि रियल एस्टेट में इस समय मंदी देखी जा रही है, लेकिन यह दौर जल्द खत्म होगा और इसमें तेजी आएगी और तब ज्यादा जरुरी होगा कि ग्राहक के साथ धोखाधड़ी के प्रयासों को रोका जाए। इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा बनाया जा रहा रियल एस्टेट नियामक आयोग ग्राहकों के हितों की रक्षा में सहायक होगा।

(देशबन्धु का संपादकीय)

Loading...