इलाहबाद, 02 अप्रैल। न्यायपालिका के साथ प्रधानमंत्री की तनातनी जाहिर हो ही जाती है। आरोप लगते रहे हैं कि मोदी सरकार न्यायाधीशों की नियुक्ति में अड़ंगे लगा रही है। आज एक बार फिर यह तनातनी देखने को मिली। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की स्थापना की 150वीं सालगिरह पर रविवार को आयोजित वार्षिक समारोह में भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहर ने न्यायालयों में लंबित प्रकरणों को लेकर चिंता जताई और कहा कि देश की अदालतों में मुकदमों का भारी बोझ है।
उन्होंने कहा कि वह छुट्टियों में जजों को काम करने के लिए वह प्रेरित कर रहे हैं। न्यायिक कार्य में तकनीक का कैसे प्रयोग होगा, इस बारे में उन्होंने विस्तार से बताया।
श्री खेहर ने कहा,
"प्रधानमंत्री मोदी जी मन की बात करते हैं, लेकिन मैं उनसे दिल की बात कह रहा हूं। देश की अदालतों में मुकदमों का भारी बोझ है, न्यायाधीशों की भारी कमी है। हां, तकनीक की मदद से मुकदमों का बोझ कम किया जा सकता है। इस दिशा में कदम उठाया जा रहा है।"
उन्होंने कहा कि छुट्टियों में ट्रिपल तलाक, असम के नागरिक मुद्दे सहित अन्य मामलों की सुनवाई होगी।
When I became Chief Justice of India, I saw a marathon of arrears: CJI JS Khehar pic.twitter.com/i8ooaWr7nT
— ANI UP (@ANINewsUP) April 2, 2017