इंस्टैंट तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।
बड़ा दिलचस्प होगा अब मुसलिम महिलाओं के तलाक के सवाल पर मुसलिम विरोधी संगठन कानून बनाएँगे। सुप्रीम कोर्ट भी गजब करता है ऐसी सरकार से कानून बनाने के लिए कहा गया है जिसके पास पर्यटन करने और चुनाव लड़ने के अलावा कोई और काम करने की क्षमता नहीं है।यह तो नाइंसाफी है महाराज!! तलाक पर कम से 2022 तक रोक लगा देते तो ठीक रहता !!
मुसलमानों को हिंदू बना लो ! झंझट ही खत्म ! फिर वे सालों साल तलाक के मुक़दमों में फँसे रहेंगे! हिन्दुओं के लिए तलाक की जितनी भी सुविधाएँ हैं वे सब मुसलमानों के मत्थे मड़ दी जाएं तो सारी अक्ल ठिकाने आ जाएगी!
हिन्दू परम सुख में हैं !! लाखों हिन्दू परिवार अदालतों के दसियों सालों से तलाक के लिए चक्कर काट रहे हैं। उनको न्याय के दूर दूर तक दर्शन नहीं हो रहे लेकिन सुप्रीम कोर्ट को यह सब नजर ही नहीं आता। किसी हिंदू संगठन को भी हिंदुओं की तलाक की पीड़ा नजर नहीं आती, हद है यहां पर मुसलिम तुष्टीकरण के बहाने तलाक को ही स्थगित कर दिया गया। इसे कहते हैं न्याय गया घुंईंया के खेत में ।
जनकवि त्रिलोचन की भाषा में तीन तलाक के जजमेंट पर कहना चाहेंगे-
आँखों का पानी भी पानी है, न।
सुप्रीम कोर्ट हिन्दुओं के तलाक के मुक़दमों को जल्द खत्म कराने के लिए नए रास्ते सुझाने की ज़हमत कब उठाएगा ?
अमेरिका को आदर्श मानने वाले मोदीजी क्या अमेरिका के तलाक सिस्टम की भारत में नकल करना पसंद करेंगे? क्यों भाग रहे हैं सच्चाई से! अमेरिका अच्छा लगता है वहाँ के कानून अच्छे लगते हैं,तलाक कानून क्यों नहीं मानेंगे वहाँ का !
(फेसबुक टिप्पणियों का समुच्चय)