लखनऊ, दिनांक: 04 जुलाई, 2019. आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय प्रवक्ता और उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व महानिरीक्षक एस. आर. दारापुरी ने मांग की है कि योगी सरकार अति पिछड़ी जातियों का आरक्षण कोटा अलग करे।
आज यहां जारी एक बयान में श्री दारापुरी ने कहा कि हाल में योगी सरकार द्वारा 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों की सूची में डालने की कवायद तो विफल हो गयी है, परन्तु अति पिछड़ी जातियों को आरक्षण कोटे में भागीदारी मिलने की कोई व्यवस्था नहीं हुई है. यह एक सच्चाई है कि इन जातियों को ओबीसी सूची में मज़बूत जातियों के होने के कारण वांछित हिस्सेदारी नहीं मिल पा रही है क्योंकि यह जातियां उनकी अपेक्षा शैक्षिक एवं आर्थिक तौर पर अधिक पिछड़ी हुई हैं. अतः इन जातियों को आरक्षण का लाभ तभी मिल सकता है जब ओबीसी के 27% आरक्षण में इनकी आबादी के अनुपात में इन का कोटा अलग कर दिया जाए.
श्री दारापुरी ने कहा कि अतिपिछड़ी जातियों के लिए अलग आरक्षण कोटा की व्यवस्था कर्पूरी ठाकुर सरकार द्वारा बहुत पहले ही कर दी गयी थी जिससे उन्हें लाभ भी मिला है. इसी प्रकार की व्यवस्था कई अन्य राज्यों में भी है. यह भी उल्लेखनीय है कि मंडल आयोग की रिपोर्ट में इस प्रकार की संस्तुति पहले से ही मौजूद है. आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट लम्बे समय से इस मांग को उठाता रहा है.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में सभी पार्टियों की सरकारें अतिपिछड़ी जातियों को ओबीसी आरक्षण कोटे में अलग कोटा देने की बजाय उन्हें एससी सूची में डालने का असंवैधानिक काम करती रही हैं. इसे
आईपीएफ नेता ने कहा कि वर्तमान संवैधानिक व्यवस्था में राज्य सरकार को अनुसूचित जातियों की सूची में परिवर्तन करने का अधिकार नहीं है. यह अधिकार केवल संसद को है. राज्य भी केंद्र को केवल संस्तुति भेज सकता है परन्तु सूची में परिवर्तन की कोई आदेश जारी नहीं कर सकता.
आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट राजनीतिक पार्टियों की इन असंवैधानिक कार्रवाहियों की निंदा करते हुए, ऐसे आदेशों को जारी करने वाले अधिकारियों को दण्डित करने तथा अतिपिछड़ी जातियों का आरक्षण कोटा अलग करने की मांग की है.