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10 अगस्त संसद मार्च में उठेगा आलू किसानों का मुद्दा
आइपीएफ जिला ईकाई की बैठक में हुआ फैसला
आगरा, 20 जुलाई, आगरा से लेकर फर्रूखाबाद तक की देश की दूसरे नम्बर की आलू पट्टी में आलू पैदा करने वाले किसानों की हालत बेहद खराब है। आज अपनी लागत तक न मिलने के कारण वह कोल्डस्टोरेज से आलू निकालने की हालत तक में नहीं है। इसके कारण कोल्डस्टोरेज के मालिकों की भी आर्थिक स्थिति खराब हो रही है। ऐसी स्थिति में आने वाले दिनों में पश्चिम बंगाल की तरह ही उ0 प्र0 में आलू किसान आत्महत्या करने को मजबूर न हो जाए। इसलिए तत्काल केन्द्र व राज्य सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए और अपने वायदें को निभाते हुए लागत मूल्य में 50 प्रतिशत जोड़कर आलू की कीमत तय करनी चाहिए तथा किसानों के आलू की खरीद की गारंटी करनी चाहिए।
यह मांग आज आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) की आगरा ईकाई की बैठक में उठाई गयी। बैठक में यह निर्णय हुआ कि आलू किसानों को आत्महत्या से बचाने के लिए किसान यात्रा कर इस सम्बंध में विस्तृत रिर्पोट तैयार कर आइपीएफ प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर को सौंपी जायेगी और ’जय किसान’ अभियान के तहत आगामी 10 अगस्त को आयोजित संसद मार्च में भूमि अधिग्रहण अध्यादेश रद्द करने के साथ आलू किसानों के सवालों को भी उठाया जायेगा।
    बैठक में वक्ताओं ने कहा कि किसानों की जिदंगी बचाने के लिए सरकार मिड़ डे मील, आगंनबाड़ी केन्द्रों के हाटकुक मील, सरकारी कैटीन और औद्योगिक कैटिन जैसे तमाम कामों के लिए आलू खरीद सकती है। साथ ही किसानों को मौजूदा हालत में राहत देने के लिए विशेष पैकेज की धोषणा की जानी चाहिए। जिसके तहत किसानों के कर्ज माफ किए जाए, उनसे वसूली पर रोक लगायी जाए और जिन कोल्डस्टोरेज में किसानों की आलू संरक्षित है उन्हें बिजली बिल में सब्सिड़ी दी जाए।

/> बैठक में जिला प्रवक्ता दुष्यंत वर्मा, मुकन्दीलाल नीलम, हरी मोहन शर्मा, डा0 मनोज सिंह, गजेन्द्र शर्मा,  उपस्थित थे।

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