अंबरीश कुमार
जालौन , अगस्त । भूखे और सूखे बुंदेलखंड पर इस बार मानसून इस कदर मेहरबान हुआ है कि किसान परेशान हो गया है । कालपी से लेकर जालौन या झांसी से ललितपुर तक कही भी चले जाएं इस बार हरा भरा बुंदेलखंड नजर आएगा । ताल तालाब फूटने की कगार पर है तो उफनाई नदियां खतरे के निशान को छू रही है । धसान, केन ,बेतवा और यमुना सभी में पानी बढ़ रहा है । जालौन के गांवों में खेत लबालब दिखे तो लगा इस बार किसान अकाल की भरपाई कर लेगा पर खेतों के पास जाते ही भ्रम टूट गया जिसे धान समझ रहे थे वह तिल की फसल निकली । किसान परेशान है खरीफ की फसल ज्यादा पानी के चलते ख़राब हो रही है । सिर्फ जालौन में ९३००० हेक्टेयर में से ७०००० हेक्टेयर की खरीफ की फसल चौपट हो चुकी है । इन फसलों में तिल ,उड़द ,मूंग और बाजरा आदि शामिल है । अपवाद के तौर पर कही कही पर होने वाली धान की खेती जरुर ठीकठाक हो जाएगी ।
बुंदेलखंड में कई साल बाद सावन आया है । सभी जगह जमकर बरसात हो रही है । करीब एक दशक बाद ऎसी बरसात बुंदेलखंड में हो रही है । झांसी में अब तक ७४० मिमी , ललितपुर में ६५० ,हमीरपुर में ५५०, और जालौन में ५७६ मिमी वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है । ऎसी ही स्थिति टीकमगढ़ ,छतरपुर और महोबा की भी है । पिछले २४ घंटे में करीब ६० मिमी वर्षा हो चुकी है । मौसम वैज्ञानिक मुकेश कुमार का दावा है कि आने वाले तीन चार दिन तक यह बरसात जारी रहेगी । इससे बांधों का भी पानी छोड़ना पड़ेगा । बुंदेलखंड में चंदेल कालीन तालाब भी लबालब है । टीकमगढ़ का महेंद्र सागर ताल का पानी फूटने वाला है ।
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