नई दिल्ली, 29 अगस्त 2019. विश्व स्वास्थ्य संगठन और संयुक्त राष्ट्र-जल की एक नई रिपोर्ट में मजबूत पेयजल और स्वच्छता प्रणालियों में निवेश में तत्काल वृद्धि के लिए दुनिया को सचेत किया गया है। रिपोर्ट में दुनिया के सबसे गरीब देशों में पानी और स्वच्छता सेवाओं के वितरण की चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
रिपोर्ट बताती है कि है कि कमजोर सरकारी सिस्टम और मानव संसाधन (weak government systems and a lack of human resources) और धन की कमी दुनिया के सबसे गरीब देशों में पानी और स्वच्छता सेवाओं की डिलीवरी को खतरे में डाल रहे हैं - और सभी के लिए स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के प्रयासों को कम कर रहे हैं।
विश्व जल सप्ताह (25-30 अगस्त 2019) के दौरान स्टॉकहोम में अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र के वार्षिक सम्मेलन के दौरान यह रिपोर्ट जारी की गई।
डब्ल्यूएच महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घिबेयियस (Dr Tedros Adhanom Ghebreyesus, WHO Director-General) कहते हैं, "बहुत से लोगों को विश्वसनीय और सुरक्षित पेयजल, शौचालय और हाथ धोने की सुविधाएं उपलब्ध नहीं है, जिससे उन्हें घातक संक्रमण और सार्वजनिक स्वास्थ्य में गिरावट का खतरा है।"
उन्होंने कहा,
“जल और स्वच्छता प्रणाली सिर्फ स्वास्थ्य में सुधार ही नहीं करती हैं और जीवन को बचाती हैं, बल्कि वे अधिक स्थिर, सुरक्षित और समृद्ध समाजों के निर्माण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। हम उन सभी देशों, जिनके पास इसे बनाने और बनाए रखने के लिए धन और मानव संसाधन आवंटित करने के लिए आवश्यक पानी और स्वच्छता बुनियादी ढांचे की कमी है, का आह्वान करते हैं।”
यूएन-वॉटर ग्लोबल एसेसमेंट एंड एनालिसिस ऑफ़ सैनिटेशन एंड ड्रिंकिंग-वाटर 2019 (The UN-Water Global Assessment and Analysis of Sanitation and Drinking-Water 2019 ) (जिसे GLAAS रिपोर्ट के रूप में जाना जाता है) ने 115 देशों और क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया, जिसमें 4.5 बिलियन लोग शामिल थे। रिपोर्ट से पता चला कि अधिकांश देशों में, पानी, स्वच्छता और स्वच्छता
डब्ल्यूएचओ / यूनिसेफ के संयुक्त निगरानी कार्यक्रम के अनुसार, 2017 तक, 2.2 बिलियन लोगों को सुरक्षित रूप से पानी की सेवाओं की कमी है, 4.2 बिलियन की कमी सुरक्षित रूप से प्रबंधित स्वच्छता और 3 बिलियन में बुनियादी हाथ धोने की सुविधाओं की कमी है।
पूरी रिपोर्ट आप यहां पढ़ सकते हैं। -