यह बैंकों का विलय नहीं सफाया है मोदीजी! अब आपकी पोल खुल गई है।
भारत लुटेरों का देश !
सन् 2018-19में बैंकों में 100 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की राशि 52,200 करोड़ रुपये रही है।
मोदी सरकार की चौकीदारी फेल-
देश में पिछले साल बैंकों द्वारा सूचित धोखाधड़ी के मामलों में सालाना आधार पर 15 प्रतिशत वृद्धि हुई जबकि धोखाधड़ी की राशि 73.8 प्रतिशत बढ़कर 71,542.93 करोड़ रुपये तक पहुंच गयी।
मोदी का फेल हिन्दू अर्थशास्त्र -
जनसत्ता की खबर है -
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को आर्थिक मोर्चे पर शुक्रवार (30 अगस्त, 2019) को बड़ा झटका लगा है। देश की जीडीपी से जुड़े आंकड़े जारी हुए तो पता चला कि अर्थव्यवस्था की हालत और बिगड़ गई है। दरअसल, भारत की जीडीपी 5.8 फीसदी से घटकर पांच प्रतिशत पर आ पहुंची है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, एक साल पहले इसी तिमाही में वृद्धि दर आठ प्रतिशत थी।“
जगदीश्वर चतुर्वेदी