Hastakshep.com-Uncategorized-

अरविंद शेष

तो क्या अब बिहार भी 'जय श्रीराम' की आग में जलने वाला है?

क्या बजरंग दल वालों को नीतीश कुमार के रुख का अंदाजा हो गया है?

हाल ही में एक वरिष्ठ साथी ने राहत के साथ कहा था कि बिहार में संघियों-भाजपाइयों के लिए गाय के नाम पर या सांप्रदायिकता का जहर फैलाना आसान नहीं है, क्योंकि बिहार में लालू प्रसाद का सत्ता पर असर है।

लेकिन यह अभी दो दिन पहले पत्रकार मुन्ने भारती के साथ हुई घटना है! -

"मैंने पूछा कौन लोग हैं, जवाब मिला बजरंग दल के लोग हैं, मैं दहशत में गाड़ी मोड़ने की कोशिश कर ही रहा था कि केसरिया गमछा पहने 4-5 लाठी से लैस लोग कार की तरफ बढ़े.

उन लोगों ने कार के अंदर बैठी मेरे मां-बाप और मेरी पत्नी पर नज़र डाली. चूँकि, मेरे पिता जी की दाढ़ी है और पत्नी नक़ाब पहनती हैं. इन्हें देखते ही 'जय श्रीराम' के नारे तेज़ हो गए. वो लोग लगातार लाठियां सड़क पर पटक रहे थे.

मैं और मेरा परिवार किसी आशंका की दहशत से कांप रहा था. जब तक कुछ समझ में आता तो दो लोग मेरी गाड़ी के शीशे पर आकर चीखे, 'बोलो जय श्रीराम वरना कार फूंक देंगे'.

लोकतंत्र में भीड़तंत्र: क्या देश में अराजकता का राज है?

दूर खड़े ट्रक के पास से काले धुंए का गुबार भी नजर आ रहा था, मानो वहां किसी की गाड़ी जला दी गई हो!

लेकिन संकट सामने था, लिहाजा मैं और मेरे परिवार के सभी लोगों ने जय श्रीराम के नारे लगाए. मैं दिल से श्रीराम का सम्मान करता हूं और उनकी जय में मुझे कोई एतराज भी नहीं होता लेकिन जिस दहशत में मुझे श्रीराम कहना पड़ा ये मुझे अच्छा नहीं लगा."

यह नीतीश कुमार से ज्यादा लालू प्रसाद के लिए चेतने का वक्त है। वरना ये बर्बर धूर्त सब बर्बाद कर देंगे..!

फेसबुकिया टिप्पणी