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नई दिल्ली। फरीदाबाद में जुनैद खान की भीड़ द्वारा की गई हत्या मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश के मुताबिक, एक वरिष्ठ कानून अधिकारी आरोपियों की मदद कर रहे हैं। न्यायाधीश ने उक्त वरिष्ठ कानून अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।

इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक खबर Faridabad lynching: Junaid Khan case judge says senior law officer helping accused, seeks action  के मुताबिक जुनेद खान हत्या के मामले में सुनवाई अदालत के न्यायाधीश ने एक वरिष्ठ सरकारी वकील के खिलाफ 15 वर्षीय जुनेद की हत्या के आरोप में आरोपियों की मदद करने के लिए कथित तौर पर कार्रवाई करने की मांग की है।

खबर के मुताबिक 25 अक्टूबर को अंतरिम आदेश में, फरीदाबाद के अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश, वाई एस राठौर ने कहा कि हरियाणा के एडिशनल एडवोकेट जनरल नवीन कुमार कौशिक अभियोजन पक्ष के गवाहों की क्रॉस एक्जामिनेशन में मुख्य अभियुक्त नरेश कुमार के वकील की मदद कर रहे थे।

खबर के मुताबिक अदालत के रिकॉर्ड के अनुसार, न्यायाधीश ने कहा कि कौशिक दो सुनवाई में (24 अक्टूबर और 25 अक्टूबर को) "गवाहों के सामने रखे जाने वाले प्रश्न बता रहे थे"।

खबर के मुताबिक 25 अक्टूबर को जज श्री राठौर ने कहा कि हरियाणा के एडिशनल एडवोकेट जनरल नवीन कौशिक का कृत्य प्रोफेशनल मिसकंडक्ट और कानूनी आदर्शों के सर्वथा विरुद्ध है, क्योंकि वह हरियाणा के एडवोकेट जनरल के कार्यालय में विधि अधिकारी है।

खबर के मुताबिक जज श्री राठौर ने कहा न्यायाधीश राठौर ने कहा कि जुनैद की हत्या का मामला काफी संवेदनशील है। न्यायाधीश ने कहा, “वादी पक्ष के अनुसार अल्पसंख्यक समुदाय के एक लड़के ट्रेन में सीट को लेकर हुए झगड़े के दौरान मार दिया गया। मारे गये लड़के को कथित तौर पर बहुसंख्यक समुदाय के सदस्यों ने धार्मिक रूप से निशाना बनाया।” न्यायाधीश राठौर ने आगे कहा, “इससे गलत संदेश जाएगा और पीड़ित पक्ष के मन में

असुरक्षा की भावना बढ़ेगी। इससे न्यायालय के निष्पक्ष और तटस्थ न्याय की अवधारणा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।”

न्यायाधीश राठौर ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, राज्य सरकार, हरियाणा के एडवोकेट जनरल कार्यालय और पंजाब और हरियाणा बार काउंसिल को भी इस बाबत जरूरी कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है।

नरेश कौशिक ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि ये “गलत धारणा” है कि वो अभियुक्तों के वकील की मदद कर रहे थे।

कौशिक ने कहा, “मैं मामले में अदालत में नहीं पेश हुआ और मेरा इससे कोई संबंध नहीं है। मैं वहां केवल इसलिए था क्योंकि मैं उत्तर क्षेत्र का भारतीय भाषा अभियान का संगठन सचिव हूँ और मामले के एक वकील मेरे जानने वाले हैं।

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