जैसे-जैसे गुजरात विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे सियासी सरगर्मियां बढ़ती जा रही हैं। एक तरफ राहुल गांधी प्रधानमंत्री मोदी के गढ़ में डेरा जमाए बैठे हैं, तो वहीं पाटीदारों को पटाना भाजपा के बस से बाहर होता जा रहा है।
जी हां पाटीदारों ने इस बार भाजपा का खेल बिगाड़ने का पूरा मन बना लिया है, इसकी बानगी उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल की सभा में देखने को मिली।
मंगलवार को भाजपा के पटेल नेता और गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने गौरव यात्रा निकाली। उनकी ये यात्रा जब चाणस्मा पहुंची तो पाटीदारों ने इसका विरोध किया।
पाटीदार भाजपा से इतना गुस्सा थे कि उन्होंने नारेबाजी के साथ-साथ भाजपा कार्यकर्ताओं पर कुर्सियां भी फेंकी।
पाटीदारों का कहना था कि भाजपा ने वादाकर धोखेबाजी की है। हमें आरक्षण का वादा दिया गया था, लेकिन अभी तक वो धरातल पर उतरता नजर नहीं आया है।
आपको बता दें कि गुजरात की सियासत में पटेल समुदाय किंग मेकर की भूमिका में है। पाटीदार गुजरात में आर्थिक और राजनीतिक रूप से काफी प्रभावशाली माने जाते हैं। राज्य में करीब 20 फीसदी पाटीदार मतदाता हैं। मौजूदा गुजरात सरकार के 120 विधायकों में से करीब 40 विधायक, 7 मंत्री और 6 सांसद पटेल समुदाय से हैं। पटेल समुदाय राज्य में किसी भी पार्टी का राजनीतिक खेल बनाने और बिगाड़ने का दम रखते हैं। और पिछले 22 सालों से पाटीदार अपना परंपरागत भाजपा को ही देते आए हैं। लेकिन इस बार आरक्षण की मांग को लेकर उनकी नारजगी से साफ है कि वो भाजपा के पक्ष में नहीं हैं..और इसका खमियाजा भाजपा को उठाना पड़ सकता है।