नयी दिल्ली 31 अक्तूबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, देश के प्रथम गृह मंत्री और कांग्रेस नेता लौह पुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) को आज उनकी जयंती पर गुजरात के केवड़िया में स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of unity) पर जाकर समूचे राष्ट्र की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
बाद में वह केवड़िया में सिविल सर्विस के प्रशिक्षुओं के साथ बातचीत करेंगे।
वर्ष 2014 से हर साल 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस (National unity day) के रूप में मनाया जाता है और लोग देश भर में आयोजित एकता दौड़ में हिस्सा लेते हैं।
उन्होंने कहा था,
‘साथियो, जैसा कि आप जानते हैं 2014 से हर साल 31 अक्तूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है। यह दिन, हमें, अपने देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा की हर कीमत पर रक्षा करने का सन्देश देता है। 31 अक्तूबर को, हर बार की तरह एकता दौड़ का आयोजन भी किया जा रहा है। इसमें समाज के हर वर्ग के, हर तबके के लोग शामिल होंगे। एकता दौड़ इस बात का प्रतीक है, यह देश एक है। एक दिशा मे चल रहा
भारत के ‘‘लौहपुरूष’’ सरदार पटेल ने कांग्रेस के जयपुर सत्र में ऐलान किया था कि धर्मनिरपेक्षता की किसी भी कीमत पर हिफाजत करने के लिए कांग्रेस प्रतिबद्ध है। ‘‘भारत एक वास्तविक धर्मनिरपेक्ष मुल्क है।’ उन्होंने 1949 में ‘हिन्दु राज्य की बात को पागलपन भरा विचार’ घोषित किया था।’
“हम लोग जो सरकार में हैं वह आरएसएस आन्दोलन से भी निपट रहे हैं। वह चाहते हैं कि हिन्दू राज्य या हिन्दू संस्कृति को बलपूर्वक थोपा जाए। कोई भी सरकार इसे बरदाश्त नहीं कर सकती है। इस देश में लगभग उतने ही मुसलमान हैं जितने उस हिस्से में हैं जो अलग हो चुका है। हम उन्हें भगाने वाले नहीं हैं। बंटवारे के बावजूद, ऐसा काम करना शैतानी होगा। हमें यह समझना होगा कि वे यहां रहनेवाले हैं और यह हमारा कर्तव्य और जिम्मेदारी है कि उन्हें महसूस हो कि यह मुल्क उनका भी है।“