जहाज से उतरते ठाकरे को देख देवताओं को हुआ अपराधबोध
अयोध्या में राम से ज्यादा राजनीति है
अयोध्या में सब कुछ है, ईश्वर का वैभव भी और ईश्वर का अतीत भी... अयोध्या ही वह नगरी है जहाँ मुसलमान भी हैं और बौद्ध भी ...लेकिन अयोध्या में इन शब्दों की अर्थवान सत्ता होने के बजाए केवल शाब्दिक सत्ता है... और वर्तमान राजनीति शब्दों की सत्ता के इर्द-गिर्द सिमट कर रह गई है ...ठीक वैसे ही जैसे 6 दिसंबर 1992 तक गोल गुम्बद के इर्द गिर्द घूमती थी।
जब भी अयोध्या में ठंड का तापमान नीचे गिरता है वैसे ही सरयू की आत्मा कराहने लगती है... क्योंकि अयोध्या में सरयू ही अकेली ऐसी शख्स है जो राम के आंसू से लेकर इंसानों के जख्मों को धोती आई है।
यह वही शिवसेना है जो कल तक भाजपा से दूर रहने का दम्भ भरती थी... लेकिन आज शिवसेना उसी अयोध्या में पांव रख रही है जिनके हाथ मुंबई में न जाने कितनी बार अयोध्यावासियों पर गाहे-बगाहे उठते रहे होंगे।
क्या जब शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे रामलला से मिलें होंगे तो रामलला खुश हुए होंगे? यह वही लोग है जो सत्ता के लिए देवता को भी धोखा दे सकते हैं।
मैं भी अयोध्या में हूँ, लेकिन मेरी अयोध्या में कोई बुत नहीं बल्कि इंसानो की कराहती हुई आत्मा है... किसी बच्चे का उदास चेहरा है जो अपनी गेंद खोजते-खोजते थक चुका है...
मेरी अयोध्या में एक उदास पिता है जिसके चार बच्चे बेरोजगार हैं .... मीर बाकी के समय से ही अयोध्या डरावनी नगरी लगने लगी थी ...
अयोध्या की हर हवा के झोंके में सियासत का रंग समाया हुआ रहता है और यह रंग जब धरती पर गिरने लगता है तब सभी शब्दों के अर्थ कहीं और विलीन हो जाते हैं।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे बकायदे मुंबई से अम्बानी के प्लेन से अयोध्या में उतरते हैं (ऐसी
अयोध्या को लेकर समाजवादी पार्टी की भी सोच भाजपा ही जैसी है। इसकी शुरुआत कारपोरेट समाजवादी अखिलेश यादव के हाथों से होती है।
अखिलेश लखनऊ में बाकायदा इकाना स्टेडियम बनवाते हैं। अखिलेश चाहते तो इस स्टेडियम का नाम इकाना के अलावा कुछ और भी रख सकते थे, लेकिन उन्होंने इकाना इसलिए रखा ताकि हिंदुत्ववादी अंधेरे में अपना पांव रखकर सियासत का सफर लम्बा किया जा सके।
दअरसल इकाना भगवान विष्णु का नाम है और राम विष्णु के अवतार और लखनऊ से अयोध्या बहुत ही करीब है।
दरअसल अयोध्या ही वह धरती का एकमात्र ऐसा स्थान है जहाँ से कहीं भी जाया जा सकता है... बैकुंठ से लेकर दिल्ली तक।।
(नीतीश मिश्र पत्रकार हैं।)
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