Who Funded the Sardar Patel statue?
नई दिल्ली, 04 नवंबर। क्या आप जानते हैं कि देश के पहले गृहमंत्री और कांग्रेस के बड़े नेता सरदार वल्लभ भाई पटेल की सबसे बड़ी प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण में मोदीजी के मित्रों अडानी, अंबानी, बाबा रामदेव ने एक रुपया भी नहीं दिया है, बल्कि इसके लिए उन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों ने धन दिया है, जिनकी बुनियाद आधुनिक भारत के निर्माता पं. जवाहर लाल नेहरू ने रखी थी और पीएम मोदी नेहरू और नेहरू-गांधी परिवार को प्रतिमा के अनावरण के अवसर पर भी कोसने से बाज नहीं आए। यानी सरदार पटेल की प्रतिमा आम जनता के धन से बनी है।
मराठी अखबार लोकसत्ता के संपादक गिरीश कुबेर के लेख "पंडित नेहरूंच्या सार्वजनिक क्षेत्रातील उद्योगप्रेमाला पहिल्यांदा तडाखा दिला तो नरसिंह राव यांनी." में बताया गया है कि सरदार पटेल की प्रतिमा को सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रेस्पाँस्बिलिटी) से धन दिया गया। धन देने वाले संस्थान हैं -
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन-900 करोड़
..... ओएनजीसी-500 करोड़
..... भारत पेट्रोलियम-250 करोड़
..... ऑयल इंडिया कॉरपोरेशन-250 करोड़
..... भारतीय गैस प्राधिकरण लिमिटेड (आईजीएल)-250 करोड़
..... पावर ग्रिड 125 करोड़
..... गुजरात खनिज विकास निगम 100 करोड़
..... इंजीनियर्स भारत-50 करोड़
..... petronet भारत-50 करोड़
..... बामर लॉरी-50 करोड़
फेसबुक पर David D'Costa ने लिखा,
"कृपया नोट करें कोई अनिल अंबानी, मुकेश अंबानी, गौतम अडानी, बाबा रामदेव कंपनी ने इस मूर्ति को फंडिंग नहीं की है!
अधिकांश धन देने वाले तेल क्षेत्र के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) हैं। ऐसे समय जब भारत तेल के दाम कम करान के लिए कराह रहा है, इस तरह हमारे तेल क्षेत्र के पीएसयू से उनका धन बरबाद कराया जा रहा है।
मोदी जी क्या आपको शर्म नहीं आती कि stupid statues बनाने के लिए Corporate "Social Resonsibility" से फंडिंग कराई जा रही है।"
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largest statue of Sardar Vallabhbhai Patel, Statue of Unity.